मोबाइल यूजर्स को जल्द करानी पड़ेगी Aadhar पहचान जांच, खर्च होंगे करीब 1000 करोड़ रुपए
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मोबाइल यूजर्स को जल्द करानी पड़ेगी Aadhar पहचान जांच, खर्च होंगे करीब 1000 करोड़ रुपए

सभी मौजूदा मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही अपना आधार आधारित पुन:प्रमाणन कराना पड़ सकता है. सरकार ने इस संबंध में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के संगठन सीओएआई ने कहा कि उसकी सदस्य कंपनियां इस हफ्ते बैठक कर मौजूदा एक अरब से भी अधिक मोबाइल उपभोक्ताओं की प्रमाणन प्रक्रिया की रूपरेखा पर चर्चा करेंगी.

दूरसंचार विभाग ने कहा है कि सेवाप्रदाताओं को इस प्रक्रिया के लिए आपसी समझौतों के तहत सामान्य डिवाइस इको प्रणाली का उपयोग करना चाहिए. (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: सभी मौजूदा मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही अपना आधार आधारित पुन:प्रमाणन कराना पड़ सकता है. सरकार ने इस संबंध में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के संगठन सीओएआई ने कहा कि उसकी सदस्य कंपनियां इस हफ्ते बैठक कर मौजूदा एक अरब से भी अधिक मोबाइल उपभोक्ताओं की प्रमाणन प्रक्रिया की रूपरेखा पर चर्चा करेंगी.

ई-केवाईसी के जरिए पुन:प्रमाणन 

दूरसंचार विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘सभी लाइसेंसधारकों (कंपनियों) को सारे मौजूदा मोबाइल उपभोक्ताओं (प्रीपेड और पोस्टपेड) का आधार आधारित ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के माध्यम से पुन:प्रमाणन करना चाहिए.’ अधिसूचना में कहा गया है कि सभी कंपनियों को अपने मौजूदा ग्राहकों को प्रिंट, इलैक्ट्रॉनिक और एसएमएस के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के पुन:प्रमाणन के आदेश की सूचना देनी होगी. उन्हें इस प्रक्रिया की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में दिया था आदेश

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने इस साल फरवरी में आदेश दिया था कि, ‘नये उपभोक्ताओं के साथ-साथ सभी मोबाइल फोन उपभोक्ताओं का पता और पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणन की एक प्रभावी प्रक्रिया विकसित हुई है. निकट भविष्य में विशेषकर आज से एक साल के भीतर मौजूदा उपभोक्ताओं के मामले में इसी तरह की प्रमाणन प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाना चाहिए.’ 

जांच में लोगों को न हो परेशानी

दूरसंचार विभाग ने कहा है कि सेवाप्रदाताओं को इस प्रक्रिया के लिए आपसी समझौतों के तहत सामान्य डिवाइस इको प्रणाली का उपयोग करना चाहिए और इस तरह की प्रक्रिया अपनानी चाहिए कि लोगों को कम से कम असुविधा हो और लंबी-लंबी कतारों से बचा जा सके.

करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत

संपर्क करने पर सीओएआई ने कहा कि दूरसंचार उद्योग इस कदम का स्वागत करता है लेकिन उसने कहा कि इस प्रक्रिया पर करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और कंपनियों को इसे उठाना पड़ेगा. संगठन के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि इससे फर्जी उपभोक्ता खत्म होंगे. हम एक वर्ष की तय समयसीमा में अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे लेकिन अगर यह नहीं हो सका तो दूरसंचार विभाग से समय सीमा बढ़ाने के लिए भी कह सकते हैं.

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