वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के 10 क्रांतिकारी फैसले, जो इतिहास में दर्ज हो गए
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वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के 10 क्रांतिकारी फैसले, जो इतिहास में दर्ज हो गए

अरुण जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कुछ महीने पहले वह अमेरिका से इलाज करवा कर लौटे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 9 अगस्त को AIIMS में भर्ती कराया गया था.

GST और नोटबंदी जैसे फैसले उनके कार्यकाल में ही लिए गए थे. (फाइल)

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली ने दोपहर 12.07 मिनट पर AIIMS में अंतिम सांस ली. वे 9 अगस्त से यहां भर्ती थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में पहली बार सत्ता में आए तो वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी अरुण जेटली को मिली थी. वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार और ब्लैकमनी के खिलाफ कई अहम फैसले लिए. नोटबंदी और GST लागू करना उनमें से प्रमुख हैं. आइये वित्त मंत्री रहते हुए उनकी 10 प्रमुख उपलब्धियों के बारे में जानते हैं.

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1. अरुण जेटली ने वित्त मंत्री के तौर पर GST को लागू किया. पूरे देश में 1 जुलाई 2017 को GST कानून को लागू किया गया था.

2. उनके कार्यकाल में ही IBC (Insolvency and Bankruptcy Code, 2016) कोड लागू किया गया था.

3. उनके कार्यकाल में नवंबर 2016 में नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था.

4. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए रेल बजट को आम बजट में शामिल कर दिया. उससे पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था.

5. उन्होंने बजट पेश करने की तारीख में बदलाव किया. पहले यह फरवरी महीने की आखिरी तारीख में पेश किया जाता था. लेकिन, अरुण जेटली ने इसे एक महीना पहले 1 फरवरी कर दी. 

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6. निवेशकों को लुभाने के लिए और निवेश की रफ्तार को  बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में FDI के नियमों को आसान किया. इससे विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में भारत में निवेश करने लगे.

7. वित्त मंत्री ने अपने कार्यकाल में महंगाई दर को 7.2 फीसदी से घटाकर 2.9 फीसदी तक पहुंचाया. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों एक सभा में भी इस बात का जिक्र किया था कि 2019 का लोकसभा चुनाव में महंगाई कोई मुद्दा नहीं था.

8. उनके शासनकाल में प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट योजना की शुरुआत की गई. आज वर्तमान में 40 करोड़ से ज्यादा जनधन अकाउंट हैं. इन अकाउंट में 1 लाख करोड़ से ज्यादा रुपये जमा हैं. साथ ही सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ लाभार्थी के अकाउंट में जाता है. इससे कमीशन खाने वालों पर रोक लग गई.

9. बैंक पर NPA बोझ को कम करने की दिशा में उनके शासनकाल में कई बड़े फैसले लिए गए. साथ ही घाटे से जूझ रहे बैंकों में कंसोलिडेशन का सिलसिला भी उसी समय शुरू हुआ.

10. इन सब के अलावा ब्लैकमनी के खिलाफ, बेनामी संपत्ति के खिलाफ, राजकोषीय मजबूती करने की दिशा में काम, आधार के साथ डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम लागू करना, मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी बनाने में योगदान जैसे कई सराहनीय फैसले उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए लिये.

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