Bullet Train Progress Report: मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना की लंबाई 508 किमी है. रेल मंत्री ने ट्वीट में बताया कि इस प्रोजेक्ट मं 274.12 किमी पियर कास्टिंग का वर्क पूरा हो गया है. इसके अलावा ग्रिडर लॉन्चिंग का काम भी 127.72 किमी तक पूरा है.
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Ashwini Vaishnaw on Bullet Train: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तरफ से पिछले दिनों कहा गया था कि देश में बुलेट ट्रेन की शुरुआत साल 2026 से हो सकती है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि जमीन अधिग्रहण में बन रही कुछ अड़चन के दूर होने के बाद इसके काम में तेजी आएगी. लेकिन अब बुलेट ट्रेन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी आई है. रेल मंत्री की तरफ से की गई एक्स पोस्ट (X) में बताया गया कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच चल रही बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है.
भूमि अधिग्रहण का 100 प्रतिशत काम पूरा
उन्होंने अपनी एक्स पोस्ट के जरिये बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का भूमि अधिग्रहण 100 प्रतिशत पूरा हो गया. अधिग्रहण पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है. मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना की लंबाई 508 किमी है. रेल मंत्री ने ट्वीट में बताया कि इस प्रोजेक्ट मं 274.12 किमी पियर कास्टिंग का वर्क पूरा हो गया है. इसके अलावा ग्रिडर लॉन्चिंग का काम भी 127.72 किमी तक पूरा है.
#BulletTrainProject
Land acquisition: 100%
Pier Casting: 274.12 Km
Girder Launching: 127.72 Km pic.twitter.com/6jmmSXF41y— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 24, 2024
जापान सरकार के सहयोग से हो रहा काम
यह देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है. परियोजना पर जापान सरकार के सहयोग से काम किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट का मकसद मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी को 3 घंटे में कवर करना है. अभी इस दूरी को तय करने में ट्रेन से 7-8 घंटे का समय लगता है. 508 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे. बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रहेगी. इस पर निर्माण कार्य 2017 में शुरू किया गया था. मुंबई से अहमदाबाद के बीच की सफर आरामदायक होने से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का 348.04 किमी हिस्सा गुजरात, 155.76 किमी महाराष्ट्र में और 4.3 किमी हिस्सा दादरा एवं नगर हवेली के अंतर्गत है. महाराष्ट्र में पिछले दिनों भूमि अधिग्रहण को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा था. इस प्रोजेक्ट पर करीब एक लाख करोड का खर्च होने की उम्मीद है.