सहारा संपत्तियों की होगी नीलामी, आरक्षित मूल्य 1,200 रुपये
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सहारा संपत्तियों की होगी नीलामी, आरक्षित मूल्य 1,200 रुपये

एचडीएफसी रीयल्टी तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट्स सहारा समूह की नीलाम की जाने वाली अचल संपत्तियों में से 10 की ई-नीलामी करेंगी जिनके लिए आरक्षित मूल्य करीब 1,200 करोड़ रुपये रखा गया है। बाजार विनियामक सेबी ने समस्याओं में घिरे सहारा व्यवसाय समूह की संपत्तियों को बेचने का काम दोनों कंपनियों को दिया है।

सहारा संपत्तियों की होगी नीलामी, आरक्षित मूल्य 1,200 रुपये

नयी दिल्ली: एचडीएफसी रीयल्टी तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट्स सहारा समूह की नीलाम की जाने वाली अचल संपत्तियों में से 10 की ई-नीलामी करेंगी जिनके लिए आरक्षित मूल्य करीब 1,200 करोड़ रुपये रखा गया है। बाजार विनियामक सेबी ने समस्याओं में घिरे सहारा व्यवसाय समूह की संपत्तियों को बेचने का काम दोनों कंपनियों को दिया है।

एचडीएफसी रीयल्टी को 31 भूखंड और एसबीआई कैप को 30 भूखंड नीलाम करने की जिम्मेदारी है। इनका अनुमानित बाजार मूल्य क्रमश: 2400 करोड़ रुपए और 4,100 करोड़ रुपए है। इनमें से कल दोनों पांच पांच सम्पत्तियों की नीलामी करेंगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद एचडीएफसी रीयल्टी तथा एसबीआई कैप को सहारा की संपत्ति बेचने का जिम्मा सौंपा है। इन संपत्तियों का मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज समूह ने उच्चतम न्यायालय के पास जमा कराया है। न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद दोनों इकाइयों ने इन संपत्तियों की नीलामी के लिये कदम उठाये हैं।

एक सार्वजनिक नोटिस में एचडीएफसी रीयल्टी ने कहा कि वह चार जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे से 12 बजे तक पांच भूखंडों की नीलामी करेगी। इन संपत्तियों से आरक्षित मूल्य पर करीब 722 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

एसबीआई कैप ने एक अलग नोटिस में कहा कि वह सात जुलाई को पूर्वाह्न 10.30 से 11.30 के बीच 470 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर पांच संपत्तियों की नीलामी करेगी।सहारा समूह की ये संपत्तियां आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। इसमें कृषि एवं गैर-कृषि भूखंड शामिल हैं।

नीलामी में रूचि रखने वाले बोलीदाता आठ से 10 जून को भूखंड का निरीक्षण कर सकते हैं। न्यायालय के आदेश के अनुसार इन संपत्तियों को सर्किल दर के 90 प्रतिशत से कम भाव पर नहीं बेचा जा सकता है।दो साल जेल में रहने के बाद सहारा प्रमुख सुब्रत राय इस समय पैरोल पर हैं। उन्हें सेबी के साथ लंबे समय से जारी विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय ने जेल भेजा था।

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