दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु नहीं इस शहर में है भारत का सबसे बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम; लेकिन कैसे?
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दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु नहीं इस शहर में है भारत का सबसे बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम; लेकिन कैसे?

Transport system in India: अपनी इनोवेटिव और कुशल पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए भुवनेश्वर को 'बेस्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाला शहर' का पुरस्कार दिया गया है. यह पुरस्कार कैपिटल रीजन अर्बन ट्रांसपोर्ट (CRUT) पहल के तहत 'मो बस' और 'मो-ई राइड' जैसे सुलभ ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करने के लिए दिया गया है.

 

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु नहीं इस शहर में है भारत का सबसे बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम; लेकिन कैसे?

Best transport system in India: इस भागदौड़ वाली दुनिया में बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम लोगों को सफर करने में बहुत मददगार साबित होती है. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर अपनी चकाचक सड़कों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए जानी जाती हैं. लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि बेस्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाला शहर केटेगरी में भुवनेश्वर ने इन तीनों शहर को पीछे छोड़ दिया है.

 कैपिटल रीजन अर्बन ट्रांसपोर्ट (सीआरयूटी) पहल के तहत 'मो बस' और 'मो-ई राइड' जैसे सुलभ ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करने के लिए भुवनेश्वर को 'बेस्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाला शहर' का पुरस्कार दिया गया है. 

शहरी चकाचौंध की भीड़ से दूर, भुवनेश्वर ने एक ऐसी ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाई है जिसने इसे गुजरात के गांधी नगर में 17वें शहरी गतिशीलता भारत सम्मेलन और एक्सपो में 'बेस्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाला शहर' पुरस्कार का खिताब दिलाया. उड़ीसा सरकार की ओर से आवास एवं शहरी विकास मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्रा ने यह पुरस्कार प्राप्त किया. 

यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा प्राथमिकता

महापात्रा ने इस उपलब्धि पर कहा कि यह पुरस्कार VIKSIT ओडिशा विज़न के तहत एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है. हमने लेटेस्ट तकनीकों को लागू किया है, अपने नेटवर्क का विस्तार किया है और इस परिवहन सेवा के तहत यात्रियों के लिए सुरक्षा और पहुंच को प्राथमिकता दी है.

यह छठी बार है कि राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन (सीआरयूटी) द्वारा मैनेज्ड ओडिशा सरकार की पहल को केंद्र द्वारा देश की बेहतरीन शहरी गतिशीलता प्रणालियों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है. इस पुरस्कार को शहरी गतिशीलता सेवाओं 'मो बस' और 'मो-ई राइड' की सफलता के रूप में देखा जा रहा है. ये दोनों सेवाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी का हिस्सा हैं जो ग्रॉस-कोस्ट मॉडल पर काम करती है. 

2018 में शुरू की गई थी 'मो बस सेवा'

सीआरयूटी एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, मो बस सेवा 6 नवंबर 2018 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य विश्वसनीय और आसान ट्रांसपोर्ट सेवा प्रदान करना है. मो बस भुवनेश्वर, कटक, पुरी और अन्य जिलों के शहरी क्षेत्रों में कई मार्गों पर चलती है. इसके तहत मानक बसें, मिडी बसें और नई बसें शामिल हैं, और कुछ इलेक्ट्रिक बसें हैं. मो बसें डिजिटल अनाउंसमेंट, सीसीटीवी कैमरे और इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग जैसी स्मार्ट तकनीकों से लैस हैं.

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