Income Tax in 1950: हर साल की तरह इस बार के बजट में भी सैलरीड क्लॉस को इनकम टैक्स स्लैब में राहत मिलने की उम्मीद है. भारतीय लोग आजादी से पहले से ही इनकम टैक्स का भुगतान कर रहे हैं. आइए जानते हैं उस समय की टैक्स दर और अब के टैक्स स्लैब के अंतर के बारे में.
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India Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट इस बार 23 जुलाई को पेश किया जाएगा. इस बजट को पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारण के नाम अनोखा रिकॉर्ड बन जाएगा. वह पहली ऐसी वित्त मंत्री होंगी, जिनके नाम लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बन जाएगा. हर बार की तरह इस बार के बजट से भी सैलरीड क्लास से लेकर बिजनेस करने वालों तक, किसानों से लेकर स्टूडेंट तक को काफी उम्मीदें हैं. ग्लोबल मंदी के संकेतों के बीच इस बार के बजट में घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए नौकरी के मौके बनाने पर फोकस किया जा सकता है.
मिडिल क्लास को टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद
इस बार के बजट में मिडिल क्लास पर फोकस करते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है. अभी न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये और ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 5 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री है. 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट से पहले सैलरीड क्लास इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहा है. लेकिन क्या आपको पता है आजादी के समय देशवासियों को कितनी आमदनी पर इनकम टैक्स चुकाना होता था? शायद आपको यह जानकारी भी नहीं हो कि टैक्स सिस्टम को आजादी से पहले ही लागू कर दिया गया था.
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आजादी से 82 साल पहले से वसूला जा रहा आयकर
आजादी से 82 साल पहले से भारतीयों से उनकी आमदनी पर आयकर वसूला जा रहा है. आजादी के बाद से लेकर सरकार की तरफ से निश्चित टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर लिया जाता है. देशवासियों से मिलने वाले आयकर का उपयोग विकास के कामों के लिये किया जाता है. स्वतंत्र भारत में पहली बार 1949-50 के बजट में इनकम टैक्स की दर को तय किया गया. इससे पहले 10000 तक की आमदनी पर 4 पैसे का टैक्स भरना पड़ता था. बाद में सरकार ने इसे 10 हजार की आमदनी पर ही 4 पैसे से घटाकर 3 पैसे कर दिया. बाद में 10000 से ज्यादा की इनकम पर टैक्स के रूप में 1.9 आना देना होता था.
1500 रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री
1949-50 के बजट में आयकर की दर को नई तरीके से तय किया गया. उसके बाद देशवासियों को 1,500 रुपये तक की आमदनी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता था. पहले बजट में 1,501 से 5,000 रुपये तक की इनकम पर 4.69 प्रतिशत इनकम टैक्स लागू किया गया. इसके अलावा 5,001 से 10,000 रुपये तक की आमदनी पर 10.94 प्रतिशत आयकर लगाने का फैसला किया गया. यह टैक्स सिस्टम लोगों के लिए आजादी से पहले के लागू सिस्टम से ज्यादा पैसे वाला था.
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सबसे ज्यादा 31.25 प्रतिशत टैक्स
इसके बाद 10,001 से लेकर 15,000 रुपये तक की आमदनी वालों को 21.88 प्रतिशत के हिसाब से इनकम टैक्स चुकाना पड़ता था. 15,001 रुपये से ज्यादा की आमदनी वालों के लिए टैक्स दर 31.25 प्रतिशत की थी. उसके बाद साल दर साल के आधार पर सरकारों ने टैक्स से जुड़े नियमों और टैक्स स्लैब में बदलाव किये.
अभी कितना है इनकम टैक्स?
वित्त मंत्रालय की तरफ से ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम के तहत आयकर लिया जा रहा है. ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपये तक की आमदनी और न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री है. ओल्ड रिजीम में आपको अलग-अलग तरह के निवेश पर टैक्स रिबेट मिलती है. ओल्ड रिजीम में 5 से 10 लाख की आमदनी पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ज्यादा की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होता है. दूसरी तरफ न्यू टैक्स रिजीम में 6 से 9 लाख की आमदनी पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख की इनकम पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख की आमदनी पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से अधिक ज्यादा पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होता है.