बैंकनोट में कई दिनों तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस, पढ़ें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट
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बैंकनोट में कई दिनों तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस, पढ़ें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट

 स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक पर चार से सात दिन के बीच रह सकता है Coronavirus

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए आप इन दिनों दरवाजे के हैंडल और लिफ्ट के बटन को काफी संभल कर छू रहे होंगे. क्योंकि इन दोनों में कोरोना वायरस संक्रमण की मौजूदगी जगजाहिर है. लेकिन इसके बीच अब कई खुलासे हुए हैं. इनमें सबसे अहम ये है कि लापरवाही से लेन देन में इस्तेमाल होने वाले नोट में सबसे ज्यादा समय तक कोरोना वायरस रह सकता है. आइए हम आपको बतातें हैं कि कौन सी चीजें हैं जहां कोरोना वायरस का संक्रमण लंबे समय तक हमले के लिए तैयार रह सकता है...

  1. बैंकनोट में कई दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस
  2. मास्क के बाहरी सतह पर भी लंबे समय तक जिंदा रहता है कोरोना
  3. स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतहों पर चार दिन तक वायरस रहता है जिंदा

बैंकनोट, स्टील और प्लास्टिक की चीजों से रहे सतर्क
हांग कांग यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क पर हफ्ते भर तक और बैंकनोट, स्टील एवं प्लास्टिक की सतह पर कई दिनों तक जिंदा रहकर संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है. ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका लैंसेट में छपे इस शोध के अनुसार यह वायरस सामान्य ताप पर विभिन्न सतहों पर कितनी देर संक्रामक रह सकता है. उन्होंने पाया कि प्रिंटिंग और टिशू पेपर पर यह तीन घंटे जबकि लकड़ी या कपड़े पर यह पूरा एक दिन रह सकता है. कांच और बैंकनोट पर यह वायरस चार दिन तक जबकि स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक पर चार से सात दिन के बीच संक्रामक रहा.

आपके मास्क में भी लंबे समय तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सोमवार को बताया कि अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतहों पर चार दिन तक चिपका रह सकता है और चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क की बाहरी सतह पर हफ्तों तक जिंदा रह सकता है. यह अध्ययन सार्स-सीओवी-2 की स्थिरता को लेकर लगातार हो रहे अनुसंधानों में और जानकारी जोड़ता है तथा बताता है कि इसको फैलने से कैसे रोका जा सकता है.

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शोध में सुझाव दिया गया है कि वायरस घर में इस्तेमाल होने वाले कीटाणुनाशकों, ब्लीच या साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने से मर जाएगा. हांग कांग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसंधानकर्ता लियो पून लितमैन और मलिक पेरीज ने कहा, 'सार्स-सीओवी-2 अनुकूल वातावरण में बेहद स्थिर रह सकता है लेकिन यह रोगाणु मुक्त करने के मानक तरीकों के प्रति अतिसंवेदनशील भी है.'

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