Indian Railways News: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Mantri Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि आने वाले सालों में देश को रेलवे का एक नया रूप देखने को मिलेगा. इसके तहत अब रेलवे ने ये बड़ी जानकारी करोड़ों मुसाफिरों के साथ साझा की है.
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Rail Minister Ashwini Vaishnaw: रेलवे स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधा (Medical Help) मुहैया कराने को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार को राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में दी जा रही चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता और सीमा की जांच का काम पूरा हो गया है. सर्वोच्च अदालत के आदेशों के पालन के लिए रेल मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स (AIIMS), नई दिल्ली के एक्सपर्ट्स की कमेटी बनाई थी.
एम्स कमेटी की सिफारिश
इस समिति ने देश के सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में मेडिकल बॉक्स के प्रावधान की सिफारिश की है. इसके तहत ऑन-बोर्ड (यात्री के रूप में) या निकटतम पर उपलब्ध डॉक्टर के माध्यम से चिकित्सा सुविधा के प्रावधान के साथ बोर्ड और स्टेशन के सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण दिया जाएगा.
बॉक्स मुहैया कराने के निर्देश
विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश के अनुसार, सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त एक मेडिकल बॉक्स उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. फ्रंट लाइन स्टाफ यानी ट्रेन टिकट परीक्षक, ट्रेन गार्ड व अधीक्षक, स्टेशन मास्टर आदि को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
ऐसे कर्मचारियों के लिए नियमित पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. सभी रेलवे स्टेशनों पर नजदीकी अस्पतालों और डॉक्टरों की सूची उनके संपर्क नंबरों के साथ उपलब्ध है. रेलवे, राज्य सरकार के या निजी अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग घायल, बीमार यात्रियों को अस्पतालों व डॉक्टर के क्लीनिक तक पहुंचाने के लिए किया जाता है.
(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के साथ)
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