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The East India Company: इतिहास पढ़ने वाला हर शख्स ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) का नाम तो जानता ही है. यह वही कंपनी है जिसने एक समय में भारत देश पर राज किया. सन 1600 ईसवीं के आस-पास भारत में आई इस कंपनी ने सैकड़ों साल तक हमारे देश पर शासन किया.
अब क्या करती है ये कंपनी?
अंग्रेजों द्वारा भारत में स्थापित की गई पहली कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी ही थी. पहले यह कंपनी एग्रीकल्चर से लेकर माइनिंग और रेलवे तक सारे काम करती थी. लेकिन अब वक्त बदल चुका है. अब इस कंपनी के मालिक भारतीय मूल के बिजनेसमैन संजीव मेहता (Sanjiv Mehta) हैं. मेहता ने ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदा और इसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बना दिया. अभी यह कंपनी चाय, कॉफी, चॉकलेट आदि आइटम्स ऑनलाइन बेचती है.
इस काम के लिए हुई थी कंपनी की स्थापना
आपको बता दें कि 1600 ईसवीं में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी. तब इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने ‘द गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ऑफ लंदन ट्रेडिंग इन ईस्ट इंडीज’ को मंजूरी दी थी. इस कंपनी को पूर्वी द्वीप समूह के देशों से व्यापार करने का एकाधिकार दिया गया था. कंपनी का गठन मसाले के व्यापार के लिए किया गया था, जिसमें उस दौर में स्पेन और पुर्तगाल का एकाधिकार था.
200 साल किया भारत पर राज
कुछ समय बाद इस कंपनी ने कपास, रेशम, चाय, नील और अफीम का व्यापार शुरू कर दिया था. ईस्ट इंडिया कंपनी ने तत्कालीन मुगल बादशाह जहांगीर से व्यापार और सूरत में कारखाना लगाने की इजाजत लेकर व्यापार शुरू किया. 200 साल के अंदर ही इस कंपनी ने पूरे भारत को कब्जे में ले लिया था. फिर साल 1857 में विद्रोह के बाद कंपनी को 1 जनवरी 1874 को भंग कर दिया गया.
भारत में ऐसी थी कंपनी की पहचान
उस दौर में भारत में इस कंपनी की पहचान एक दमनकारी कंपनी के तौर पर होती थी. तब ये कंपनी हिंदुस्तानियों का उत्पीड़न करती थी. साल 2003 में शेयर धारकों के एक समूह जिन्होंने इस ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदा था, उन्होने एक बार फिर चाय और कॉफी बेचने का कारोबार शुरू किया.
अब भारतीय व्यक्ति चलाता है कंपनी!
इसके बाद इंडियन बिजनेसमेन संजीव मेहता ने 2005 में कंपनी में दखल दिया और कंपनी को लक्जरी टी, कॉफी और खाद्ध पदार्थों के कारोबार में एक नया ब्रांड बनाकर कंपनी को नई पहचान दी. कंपनी के मालिक मेहता के मुताबिक जिस कंपनी ने कभी दुनिया पर राज किया आज उसका मालिक होना एक भारतीय के तौर पर उन्हें गर्व का अहसास कराता है.
2010 में लंदन में खोला पहला स्टोर
संजीव मेहता ने इस कंपनी को नई पहचान देने के बाद अपना पहला स्टोर लंदन के मेफेयर (Mayfair) में खोला था. संजीव मेहता कहते हैं कि भले ही ये कंपनी कभी अपनी आक्रामकता के लिए जानी जाती थी लेकिन आज की ईस्ट इंडिया कंपनी की पहचान एक संवेदनशील कंपनी के रूप में है.
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