इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 में सुझाव, एयर इंडिया का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में पूरा करे सरकार
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इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 में सुझाव, एयर इंडिया का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में पूरा करे सरकार

सरकार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में पूरा करना चाहिए. संसद में पेश 2017-18 की आर्थिक समीक्षा में यह सुझाव दिया गया है. 

इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 में सुझाव, एयर इंडिया का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में पूरा करे सरकार

नई दिल्ली: सरकार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में पूरा करना चाहिए. संसद में सोमवार (29 जनवरी) को पेश 2017-18 की आर्थिक समीक्षा में यह सुझाव दिया गया है. समीक्षा में 2018-19 के लिए जिस एजेंडा का सुझाव दिया गया है उसमें जीएसटी को स्थिर करना, फंसे कर्ज की समस्या से कंपनियों और बैंक दोनों के खातों को दुरुस्त करने की कार्रवाई को पूरा करना, एयर इंडिया का निजीकरण तथा वृहद आर्थिक स्थिरता के जोखिमों से निपटना शामिल है.

  1. सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 में 16 विनिवेश सौदों से 46,247 करोड़ रुपए जुटाए थे. 
  2. चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है.
  3. एयर इंडिया का निजीकरण तथा वृहद आर्थिक स्थिरता के जोखिमों से निपटना शामिल है.

सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 में 16 विनिवेश सौदों से 46,247 करोड़ रुपए जुटाए थे. चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 72,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है. इसमें 46,500 करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री, 15,000 करोड़ रुपये रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री तथा 11,000 करोड़ रुपये साधारण बीमा कंपनियों को सूचीबद्ध कर जुटाए जाने हैं.

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 52,378 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसके अलावा एनएमडीसी की शेयर बिक्री तथा ओएनजीसी-एचपीसीएल सौदा अभी होना है. ऐसे में चालू वित्त वर्ष में सरकार की विनिवेश से प्राप्ति 90,000 करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है. मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने यह समीक्षा लिखी है. इसमें कहा गया है कि सरकार के महत्वाकांक्षी बजटीय लक्ष्य को देखते हुए विनिवेश से यह प्राप्ति काफी उम्मीद जगाने वाली है. 

टिकट बिक्री आधार पर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बना भारत
देश के विमानन क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है और टिकटों की बिक्री की संख्या के आधार पर देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन गया है. आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गयी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार विमान सेवा से वंचित तथा कम उपयोग होने वाले हवाईअड्डों के पूर्ण रूप से उपयोग को लेकर सरकार क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का हर नागरिक) लेकर आयी है. इसके तहत कई मार्गों पर उड़ान सेवा शुरू की गयी है.

समीक्षा के अनुसार, ‘‘घरेलू टिकटों की बिक्री की संख्या के संदर्भ में भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा और तेजी से वृद्धि वाला घरेलू विमानन बाजार है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2016-17 में घरेलू यात्री रवानगी में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो अमेरिका में 3.3 प्रतिशत तथा चीन में 10.7 प्रतिशत है.’’ वर्ष 2007-08 से 2016-17 की अवधि में घरेलू यात्री यातायात में सालाना आधार पर 9.89 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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