उन्मेश जोशी सुबह ठीक 11 बजे मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे जहां 11:30 बजे उनसे पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ.
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी और उनके व्यापारिक साझेदार राज ठाकरे को IL&FS से संबंधित एक मामले की जांच के लिए समन भेजा है. सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना नेता के बेटे सोमवार को ईडी के सामने पेश हुए थे. वहीं, अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे को गुरुवार को यहां ईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है. उन्मेश जोशी सुबह ठीक 11 बजे मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे जहां सूत्रों के मुताबिक सुबह 11:30 बजे उनसे पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ.
इससे पहले उन्मेश को ईडी की तरफ से शनिवार को एक नोटिस मिली था जिसमें उन्हें जांच एजेंसी के सामने सोमवार को पेश होने के लिए कहा गया था. उन्मेश ने कहा कि वे बिना किसी दस्तावेज या वकील के अकेले जांच एजेंसी के सामने पेश होकर फिलहाल उनके सभी सवालों का जवाब देना चाहते हैं.
सूत्रों की अगर मानें तो उन्मेश जोशी से पूछताछ करने के लिए ED के अधिकारियों ने पहले से ही सवालों के एक लंबी फेहरिस्त बना ली थी. इनमें से ज्यादातर सवाल उन्मेश जोशी की कंपनी कोहिनूर सिटीएनएल से जुड़े थे. ED अधिकारियों ने उनसे कंपनी की स्थापना, कितने पार्टनर, कंपनी के कौन-कौन क्लाइंट हैं, बिजनेस किस तरह का है, कहां-कहां से कंपनी को लोन मिला है, कितने कर्ज चुकाये गए हैं और कितने बाकी हैं, 2008 में कंपनी को इतना बड़ा नुकसान क्यों हुआ था, कंपनी के तमाम बैंक अकाउंट्स और असेट्स की जानकारी के साथ-साथ कंपनी के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन से जुड़े कई सवाल इस लिस्ट में शामिल थे.
Future Maker Life Care के खिलाफ ED की कार्रवाई, 261 करोड़ की संपत्ति अटैच
इस मामले में जांच एजेंसी ED इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को भी समन भेज चुकी है. सूत्रों की अगर मानें तो राज ठाकरे को इस मामले में 22 अगस्त को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. राज ठाकरे को नोटिस मिलने के बाद मनसे पार्टी इसे राजनीतिक बदले की भावना करार देने की कोशिश में जुट गई है. मनसे कार्यकर्ता संदीप देशपांडे ने सरकार के विरोध में 21 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया, वहीं दूसरी तरफ कुछ कार्यकर्ताओं ने मुंबई से सटे ठाणे जिले में 22 अगस्त को बंद का भी आह्वान किया है.
कोहिनूर सिटीएनएल कंपनी से जुड़ा है मामला
शिवसेना और बीजेपी दोनों ही पार्टी के नेताओं ने मनसे के लगाए आरोपों का खंडन किया और इसे जांच एजेंसी की एक रूटीन कार्रवाई बताया. गौरतलब है कि ईडी ने IL&FS कंपनी के कई अलग-अलग मामलों की जांच की थी तब जांच के दौरान कोहिनूर सिटीएनएल कंपनी का नाम सामने आया तब जांच एजेंसी ने इस कंपनी से जुड़े लोगों को पूछताछ के लिए बुलाने का सिलसिला शुरू किया. बताया जाता है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे, मनोज जोशी के बेटे उन्मेश जोशी और राजेंद्र शिरोड़कर इन तीनों ने मिलकर एक कंसोर्टियम बनाया था.
IL&FS ने किया था 225 करोड़ का निवेश
IL&FS कंपनी ने उस वक्त कोहिनूर सिटीएनएल में तकरीबन 225 करोड़ का निवेश किया. साल 2008 में नुकसान झेल रही कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल में इन्होंने अपने शेयर महज 90 करोड़ों में बेच दिए और राज ठाकरे ने यह समूह छोड़ दिया. हालांकि, आगे चलकर कंपनी ने अपनी तमाम संपत्ति बेचकर 500 करोड़ रुपए जुटा कर कर्ज चुकाने का एक एग्रीमेंट साइन किया लेकिन पहले से ही कर्ज बकाया होने के बावजूद IL&FS कंपनी ने कोहिनूर सिटीएनएल को दोबारा 135 करोड़ की फंडिंग की.
22 अगस्त को राज ठाकरे से होगी पूछताछ
जांच एजेंसियों को शक है कि इस पूरे ट्रांजेक्शन में कहीं न कहीं मनी लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया गया, जिसको लेकर फिलहाल ED की तफ्तीश जारी है. इन सबके बीच सबकी निगाहें 22 अगस्त पर टिकी हैं जब मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ED दफ्तर में अधिकारियों के सवालों का सामना करेंगे. ऐसे में आने वाले दिनों में राज ठाकरे को राहत मिलती है या उनकी मुश्किलों में इजाफा होता है यह देखने वाली बात होगी.