EPFO Pension: हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वाले ईपीएफओ (EPFO) की पेंशन योजना के शेयरहोल्डर्स और पेंशनर्स को अतिरिक्त योगदान या बकाया देने को लेकर सहमति जताने के लिये 3 महीने का समय दिया जाएगा.
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EPFO Pension Update: हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वालों के लिए सरकार की तरफ से नया अपडेट आया है. अगर आपने हायर पेंशन का विकल्प सिलेक्ट किया है या करने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वाले ईपीएफओ (EPFO) की पेंशन योजना के शेयरहोल्डर्स और पेंशनर्स को अतिरिक्त योगदान या बकाया देने को लेकर सहमति जताने के लिये 3 महीने का समय दिया जाएगा. इससे पहले, नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से अंशधारकों को हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने के लिये चार महीने का समय देने के लिए कहा था.
फॉर्म भरने के लिये ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध
ईपीएफओ (EPFO) ने अंशधारकों को हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिये एम्पलायर के साथ संयुक्त विकल्प फॉर्म भरने के लिये ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी है. इसके लिये डेडलाइन पहले 3 मई, 2023 थी, जिसे बढ़ाकर अब 26 जून, 2023 कर दिया गया है. इस बात को लेकर चीजें साफ नहीं हैं कि उच्च पेंशन का ऑप्शन चुनने पर कैसे अतिरिक्त योगदान का विकल्प काम करेगा और भुगतान करने का तरीका क्या होगा.
क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे अतिरिक्त राशि का निर्धारण
ईपीएफओ शेयर होल्डर को इस बात का भी नहीं पता कि बहुत ज्यादा राशि मांगे जाने की स्थिति में उच्च पेंशन योजना से बाहर होने का विकल्प मिलेगा या नहीं. नोटिफिकेशन में साफ किया गया कि अतिरिक्त राशि का निर्धारण क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे. जो भी राशि निर्धारित होगी, ब्याज सहित उसके बारे में सूचना उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को दी जाएगी.
सहमति देने के लिए तीन महीने का समय दिया
इसमें कहा गया है कि पेंशनभोगियों / सदस्यों को पैसा जमा करने और कोष के अंतरण के लिये सहमति देने को लेकर तीन महीने तक का समय दिया जाएगा. ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारी पेंशनभोगियों या सदस्यों को उच्च पेंशन के लिये अतिरिक्त कोष के भुगतान की जरूरत के बारे में सूचना देंगे.
आपको बता दें इस महीने की शुरुआत में श्रम मंत्रालय ने साफ किया था कि हायर पेंशन का ऑप्शन चुनने वालों के मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त योगदान ईपीएफओ (EPFO) की संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में नियोक्ता के योगदान से लिया जाएगा. फिलहाल सरकार ईपीएस (EPS) में 15,000 रुपये के मूल वेतन की सीमा पर 1.16 प्रतिशत का योगदान सब्सिडी के रूप में देती है.
कर्मचारी ईपीएफओ (EPFO) की सामाजिक सुरक्षा योजना में 12 प्रतिशत का योगदान करते हैं. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है. शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि में जाता है.