ITR: आयकर विभाग ने अपने पास उपलब्ध सूचना और व्यक्तिगत करदाताओं की तरफ से आयकर रिटर्न (ITR) में दी गई सूचना के बीच तालमेल नहीं होने पर 50 लाख से ज्यादा की आमदनी वाले करीब एक लाख लोगों को नोटिस भेजे हैं.
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ITR Filing: कुछ लोग इनकम टैक्स बचाने के चक्कर में आयकर विभाग को इनकम सोर्स और आमदनी से जुड़ी गलत जानकारी दे देते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Deptt.) के पास मुहैया जानकारी और घोषित आय में तालमेल नहीं होने के आधार पर भेजे गए एक लाख आयकर नोटिस का आकलन मार्च, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. आयकर विभाग ने अपने पास उपलब्ध सूचना और व्यक्तिगत करदाताओं की तरफ से आयकर रिटर्न (ITR) में दी गई सूचना के बीच तालमेल नहीं होने पर 50 लाख से ज्यादा की आमदनी वाले करीब एक लाख लोगों को नोटिस भेजे हैं.
टैक्स रिटर्न जमा नहीं करने वालों को भी नोटिस भेजे
इसके अलावा विभाग की तरफ से टैक्स रिटर्न जमा नहीं करने वाले लोगों को भी नोटिस भेजे गए हैं. सीतारमण ने 164वें आयकर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मुझे आश्वस्त किया है कि मार्च, 2024 तक सभी एक लाख नोटिस का निपटान कर लिया जाएगा. ये नोटिस 50 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी वाले लोगों को विभाग के पास उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर जारी किए गए हैं.’
6 साल तक हो सकता दोबारा आकलन
आयकर कानून के तहत विभाग 6 साल तक के कर विवरणों का दोबारा आकलन कर सकता है. इस पर सीतारमण ने कहा, ‘अब छह साल के बाद किसी भी व्यक्ति के टैक्स असिस्मेंट को दोबारा नहीं खोला जाएगा. चौथे, पांचवें और छठे साल में भी दोबारा आकलन सिर्फ कुछ खास परिस्थितियों में ही किया जा सकता है.’ उन्होंने कहा कि प्रमुख मुख्य आयुक्त स्तर के अधिकारी की मंजूरी मिलने के बाद ही ये मामले दोबारा खोले गए हैं.
55,000 नोटिस की समीक्षा मई में हुई
वित्त मंत्री ने कहा कि सीबीडीटी (CBDT) ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भेजे गए 55,000 नोटिस की समीक्षा का काम मई, 2023 में पूरा कर लिया था. उन्होंने कहा, ‘आज के समय में सीबीडीटी भेजे गए नोटिस पर बैठा हुआ नहीं है. यह विवेकाधिकार वाली जगह नहीं है, ऐसी जगह नहीं है जहां व्यवस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है, यह एकदम स्पष्ट नजरिया है.’
उन्होंने कहा कि आयकर की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने के बावजूद आयकर विभाग के सक्षम होने से कर राजस्व बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार कराधान और इसकी दरों को लोगों के अनुकूल बनाने की सोच रखती है.