Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha: बजट के बाद व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने क‍िया ऐसा ऐलान, सुनकर खुशी से उछल पड़ा आम आदमी
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Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha: बजट के बाद व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने क‍िया ऐसा ऐलान, सुनकर खुशी से उछल पड़ा आम आदमी

Jan Dhan Account: व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने संसद में एक सवाल के उत्‍तर में बताया क‍ि क‍िस प्रकार के खाते में न्‍यूनतम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती. प‍िछले पांच साल के दौरान पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों ने अकाउंट में म‍िन‍िमम बैलेंस नहीं रखने पर 8500 करोड़ की पेनाल्‍टी लगाई है.

Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha: बजट के बाद व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने क‍िया ऐसा ऐलान, सुनकर खुशी से उछल पड़ा आम आदमी

Minimum Balance in Bank Account: अगर आपके बैंक ने प‍िछले द‍िनों में बैंक अकाउंट में म‍िन‍िम‍म बैलेंस मेंटेन नहीं करने को लेकर आप पर क‍िसी तरह की पेनाल्‍टी लगाई है तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न का जवाब देते हुए आम आदमी से जुड़ी बड़ी घोषणा की. उन्‍होंने कहा क‍ि जन धन अकाउंट (Jan Dhan Account) और बेस‍िक सेव‍िंग अकाउंट (Basic Saving Account) में म‍िन‍िमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है. उन्‍होंने यह बयान प्रश्‍नकाल के दौरान राज्यसभा को संबोधित करते हुए द‍िया.

जुर्माने के रूप में करीब 8,500 करोड़ रुपये इकट्ठा क‍िये

सवालों के जवाब में सीतारमण ने साफ क‍िया क‍ि अकाउंट में म‍िन‍िम‍म बैलेंस मेंटने नहीं करने पर बैंकों की तरफ से लगाया जाने वाला जुर्माना इन कैटेगेरी पर लागू नहीं होता है. इसके बजाय पेनाल्‍टी केवल उन्‍हीं ग्राहकों पर लगाई जाती है, जिनके अकाउंट में एक न‍िश्‍च‍ित न्यूनतम राश‍ि रहने की अपेक्षा की जाती है. एक लिखित उत्तर में व‍ित्‍त मंत्री की तरफ से बताया गया क‍ि पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों ने फाइनेंश‍ियल ईयर 2019-20 से शुरू होने वाले पांच साल में जुर्माने के रूप में करीब 8,500 करोड़ रुपये इकट्ठा क‍िये हैं.

व‍ित्‍त मंत्री ने ऐसे लोगों को राहत देने की बात कही
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, बैंक केवल ऐसे मामलों में जुर्माना लगाते हैं जहां ग्राहक अपने खातों में जरूरी म‍िन‍िमम बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाते. वित्त मंत्री राज्यसभा में प्रश्‍नकाल के दौरान पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों की तरफ से पांच साल में खातों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर ग्राहकों से 8,500 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूलने से जुड़े सवाल का जवाब दे रही थीं. व‍ित्‍त मंत्री ने कहा, ‘बैंक अकाउंट में न्यूनतम राशि रखने का प्रावधान प्रधानमंत्री जन धन खाते और गरीब लोगों के बेस‍िक सेव‍िंग अकाउंट पर लागू नहीं होता है.’ वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी पिछले महीने लोकसभा को बताया था कि पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अकाउंट में औसत मासिक न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माने के तौर पर ग्राहकों से 2,331 करोड़ रुपये वसूले.

क्या है न्यूनतम बैलेंस का नियम?
बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम यह तय करता है क‍ि खातेदार अपने खाते पर नियमित रूप से कुछ ट्रांजेक्‍शन करते रहें. यह नियम अलग-अलग बैंकों और व‍िभ‍िन्‍न प्रकार के अकाउंट के ल‍िए अलग-अलग हो सकता है. 

क्यों जरूरी है न्यूनतम बैलेंस रखना?
बैंक को आपके खाते को बनाए रखने के लिए कुछ खर्च करना पड़ता है, जैसे कि स्‍टॉफ, टेक्नोलॉजी और अन्य संसाधन. न्यूनतम बैलेंस से यह तय होता है क‍ि बैंक आपके अकाउंट से होने वाले खर्चें की भरपाई हो सके. इसके साथ ही बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता को बनाए रखने में भी म‍िन‍िमम बैलेंस मदद करता है. कई बैंकों की तरफ से न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती हैं. जैसे क‍ि मुफ्त एटीएम लेनदेन, मुफ्त चेकबुक आदि.

अगर न्यूनतम बैलेंस नहीं रखा तो क्या होगा?
अगर आप अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं तो बैंक आपसे जुर्माना वसूल सकता है. जुर्माने की राशि और प्रकार बैंक और खाते के प्रकार पर निर्भर करता है. कुछ मामलों में बैंक म‍िन‍िमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर आपका अकाउंट भी बंद कर सकता है.

कितना रखना होता है न्यूनतम बैलेंस?
न्यूनतम बैलेंस की राशि बैंक से बैंक और खाते के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होती है. कुछ बैंक आपके खाते में जमा राशि के एक न‍िश्‍च‍ित प्रतिशत के बराबर न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त रखते हैं, जबकि दूसरे बैंक एक न‍िश्‍च‍ित राशि रखने की शर्त रखते हैं.

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