पेट्रोल और डीजल की कीमत में फिर कटौती, दिल्ली में ये रहा आज का भाव
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पेट्रोल और डीजल की कीमत में फिर कटौती, दिल्ली में ये रहा आज का भाव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की घटती कीमत का असर स्थानीय बाजार में भी दिखाई दे रहा है. पेट्रोल और डीजल के दाम में सोमवार को लगातार पांचवे दिन गिरावट आई.

पेट्रोल और डीजल की कीमत में फिर कटौती, दिल्ली में ये रहा आज का भाव

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की घटती कीमत का असर स्थानीय बाजार में भी दिखाई दे रहा है. पेट्रोल और डीजल के दाम में सोमवार को लगातार पांचवे दिन गिरावट आई. दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल के रेट में 35 पैसे और डीजल में 41 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई. इंटरनेशनल मार्केट में पिछले एक महीने  से तेल में नरमी का फायदा उपभोक्ताओं को मिल रहा है. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार सोमवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के भाव क्रमश: 74.49 रुपये, 76.47 रुपये, 80.03 रुपये और 77.32 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए.

पेट्रोल में 35 पैसे की कटौती
वहीं डीजल के भाव की बात करें तो दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 69.29 रुपये, 71.14 रुपये, 72.56 रुपये और 73.20 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए. तेल कंपनियों ने सोमवार को दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल में 35 पैसे और चेन्नई में 37 पैसे प्रति लीटर की कमी की है. डीजल में दिल्ली और कोलकाता में 41 पैसे, जबकि मुंबई और चेन्नई में 43 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है.

कच्चे तेल के दाम में रिकवरी देखी जा रही
इंटरनेशनल मार्केट में तीन अक्टूबर के बाद ब्रेंट क्रूड के दाम में 30 फीसदी से ज्यादा जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के भाव में 33 फीसदी की कमी आई है. हालांकि, बीते सप्ताह आई भारी गिरावट के बाद कच्चे तेल के दाम में रिकवरी देखी जा रही है. अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड का जनवरी डिलीवरी वायदा सोमवार को पिछले सत्र के मुकाबले 0.46 फीसदी की बढ़त के साथ 59.26 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था.

वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई का जनवरी डिलीवरी वायदा अनुबंध 0.48 फीसदी की बढ़त के साथ 50.66 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. हालांकि, बाजार के जानकार बताते हैं कि कच्चे तेल के दाम फिलहाल उठाव की संभावना कम दिख रही है, जबकि इस बात की प्रबल संभावना है कि छह दिसंबर को वियना में ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिग कंट्रीज यानी ओपेक की बैठक में सउदी अरब तेल की आपूर्ति घटाने पर जोर डालेगा है. जानकार बताते हैं कि ओपेक के सभी सदस्यों के बीच तेल का उत्पादन घटाने पर सहमति होने की संभावना कम है. वहीं, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बढ़ने से कीमतों पर दबाव बना रह सकता है.

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