हाई कोर्ट पहुंचा फ्यूचर ग्रुप-अमेजन विवाद, किशोर बियानी ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
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हाई कोर्ट पहुंचा फ्यूचर ग्रुप-अमेजन विवाद, किशोर बियानी ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

अमेजन का कहना है कि 2019 में हुई डील के मुताबिक कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था. इस डील में एक क्लॉज था कि फ्यूचर ग्रुप अपने रीटेल असेट्स को रिस्ट्र्क्टेड की लिस्ट में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बेच सकते. 

हाई कोर्ट पहुंचा फ्यूचर ग्रुप-अमेजन विवाद, किशोर बियानी ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

नई दिल्ली: भारत के रीटेल किंग किशोर बियानी की फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) की लड़ाई अब अदालत पहुंच गई है. फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट में कैविएट पिटीशन दाखिल की है. 

दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा फ्यूचर ग्रुप

इस याचिका में फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि अगर अमेजन एप्लीकेशन फॉर इनफोर्समेंट (application for enforcement) दाखिल करता है तो कोई भी अंतरिम आदेश देने से पहले फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों की बात भी सुनी जाए. एक तरह से देखा जाए तो फ्यूचर ग्रुप ने एहतियातन ये कदम उठाया है. फिलहाल अमेजन ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख नहीं किया है. 

SEBI से अमेजन कर चुका है शिकायत

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप की डील के खिलाफ अमेजन (Amazon) ने मार्केट रेगुलेटर सेबी को पिछले हफ्ते चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उसने फ्यूचर ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए. अमेजन ने कहा कि फ्यूचर ने झूठ बोलकर शेयरधारकों को गुमराह किया है. अमेजन ने सेबी से कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और फ्यूचर की डील पर किसी तरह का कोई फैसला करने से पहले सिंगापुर की मध्यस्ता अदालत के अंतरिम फैसले को ध्यान में रखें. 

अमेजन की दलील

अमेजन का कहना है कि 2019 में हुई डील के मुताबिक कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था. इस डील में एक क्लॉज था कि फ्यूचर ग्रुप अपने रीटेल असेट्स को रिस्ट्र्क्टेड की लिस्ट में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बेच सकते. रिस्ट्रक्टेड की लिस्ट में रिलायंस का नाम शामिल है. और फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस को रीटेल कारोबार बेच दिया. 

फ्यूचर ने रिलायंस को बेचा रीटेल कारोबार

आपको बता दें कि रिलायंस ग्रुप तेजी के साथ ई-कॉमर्स कारोबार को बढ़ा रहा है. जिससे अमेजन के लिए चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. इसी कड़ी में अगस्त में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रीटेल कारोबार को मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 3.4 अरब डॉलर में बेच दिया था. अमेजन का दावा है कि इस सौदे में उसके और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदों का उल्लंघन हुआ है.

सिंगापुर अदालत से मिली अमेजन को राहत 

सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में अमेजन के पक्ष में फैसला आया था. अदालत ने फ्यूचर ग्रुप को अपना रीटेल कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसी फैसले को आधार बनाकर अमेजन ने सेबी से इस डील पर रोक लगाने की अपील की है.  

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