Gold Hallmarking: आप जो सोना खरीद रहे हैं, वो कितना शुद्ध है, शुद्ध है भी या नहीं, इसकी जांच सामान्य तौर आप नहीं कर सकते, इसके लिए सरकार ने हॉलमार्किंग को लागू करने का फैसला किया था.
Trending Photos
नई दिल्ली: Gold Hallmarking: आप जो सोना खरीद रहे हैं, वो कितना शुद्ध है, शुद्ध है भी या नहीं, इसकी जांच सामान्य तौर आप नहीं कर सकते, इसके लिए सरकार ने हॉलमार्किंग को लागू करने का फैसला किया था. सरकार ने नवंबर 2019 में ऐलान किया था कि 15 जनवरी 2021 को सोने के गहनों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया जाएगा. लेकिन ज्वेलर्स की अपील के बाद इसे 30 जून 2021 तक आगे बढ़ा दिया गया.
ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग की तैयारी करने और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक साल से अधिक का समय दिया गया था. कोविड-19 महामारी के बीच सर्राफा कारोबारियों की मांग पर यह डेडलाइन जून, 2021 कर दी गयी थी. यानी अब 30 जून से कोई भी गोल्ड ज्वेलरी या कलाकृति बिना हॉलमार्किंग के नहीं बेची जा सकेगी. हालांकि हॉलमार्किंग अब भी होती है, लेकिन अनिवार्य नहीं है.
ये भी पढ़ें- 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में होगा बम्पर इजाफा, 11 परसेंट ज्यादा मिलेगा महंगाई भत्ता!
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डेडलाइन और बढ़ाने की डिमांड नहीं है. BIS ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग अप्रूवल का काम तेजी से कर रहा है. BIS के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि हम जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए तैयार हैं. हमें इस तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. अभी तक 34,647 ज्वेलर्स ने BIS के पास रजिस्ट्रेशन कराया है.
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले एक-दो माह में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा एक लाख पर पहुंच जाएगा. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑटोमेटेड बनाया गया है. एक जून से सर्राफा कारोबारियों को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरट के सोने की ज्वैलरी बेचने की मंजूरी होगी.
ये भी देखें-
BIS के अनुसार, अनिवार्य हॉलमार्किंग से ग्राहकों को एक स्टैंडर्ड शुद्धता की ज्वैलरी मिलेगी और धोखाधड़ी कम होगी. भारत सोने का सबसे बड़ा इम्पोर्टर है. ज्यादातर डिमांड ज्वेलरी इंडस्ट्री से आती है. वॉल्यूम के हिसाब से देखें तो भारत सालाना 700-800 टन सोने का इक्पोर्ट करता है.
LIVE TV