2013-14 में कुल 90 करोड़ रुपये का कपास सरकार किसानों से खरीदती थी. केंद्र सरकार टेक्सटाइल उद्योग के लिए जल्द ही एक 10 हजार करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम लेकर के आने वाली है.
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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के बीच कहा है कि उसने दो महीने के भीतर करीब 14, 654 करोड़ का कपास (Cotton) खरीदा है, जिससे इसकी खेती में लगे 9.63 लाख किसानों को फायदा हुआ है. केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने उद्योग संगठन ऐसोचैम के एक कार्यक्रम में इस बात की जानकारी साझा की है.
किसानों के खाते में पहुंची इतनी रकम
ईरानी ने कहा कि 11,799 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे पहुंच चुकी है. पिछले मार्केटिंग ईयर (2019-20) में सरकार ने 28,500 करोड़ रुपये का कपास खरीदा था. वहीं 2013-14 में कुल 90 करोड़ रुपये का कपास सरकार किसानों से खरीदती थी.
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जल्द आएगी Textile के लिए PLI Scheme
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार टेक्सटाइल उद्योग के लिए जल्द ही एक 10 हजार करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम लेकर के आने वाली है. इस स्कीम को करीब दो दशक के बाद लाया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार खेती में टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है ताकि कपास की खेती करने वाले किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सके. सरकार ने कपास का उत्पादन प्रति वर्ष 4-5 लाख Bales से बढ़ाकर के 50 लाख Bales बढ़ा दिया है.
इससे कपड़ा उद्योग का सालाना कारोबार भी 18 बिलियन डॉलर से 80 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है. अगर उद्योग भी किसानों की मदद करे तो फिर इसका असर काफी ज्यादा पड़ेगा.
कोविड-19 में बने PPE Kits बनाने में आत्मनिर्भर
ईरानी ने कहा कि जब देश में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तो पूरे विश्व को आशंका थी क्या भारत पीपीई किट्स का निर्माण कर सकता है या नहीं. लेकिन हमने उद्योग की मदद से पीपीई किट्स बनाने में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है. इसमें सूक्ष्म और लघु उद्योग सेक्टर ने भी पूंजी न होने के बावजूद पीपीई किट्स का काफी बड़ी संख्या में निर्माण कर डाला.
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