बालकृष्ण ने अमीरों की संपत्ति का आकलन करने वाली पत्रिका फोर्ब्स की वार्षिक सूची ‘इंडिया रिच लिस्ट 2017’ में 6.55 अरब डॉलर यानी करीब 43,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 19वां स्थान हासिल किया है.
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इंदौर: जीएसटी परिषद के ताजा फैसलों पर रामदेव प्रवर्तित पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार (7 अक्टूबर) को खुशी जाहिर की और कहा कि इन कदमों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. बालकृष्ण ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर जीएसटी परिषद के कल (शुक्रवार, 6 अक्टूबर) किये गये फैसलों से इस नयी कर प्रणाली का वास्तविक स्वप्न साकार हो सकेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी." उन्होंने जीएसटी को लेकर सरकार के रवैये को "सकारात्मक" करार देते हुए कहा, "जीएसटी से कर तंत्र में पारदर्शिता तो आ गयी थी. लेकिन इसके रिटर्न दायर करने की प्रक्रिया जटिल थी. जीएसटी परिषद ने कर भुगतान और रिटर्न दाखिल करने के मामले में उद्यमों को जो राहत दी है, उससे यह कर प्रणाली सुगम होगी."
बालकृष्ण ने अमीरों की संपत्ति का आकलन करने वाली पत्रिका फोर्ब्स की वार्षिक सूची ‘इंडिया रिच लिस्ट 2017’ में 6.55 अरब डॉलर यानी करीब 43,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 19वां स्थान हासिल किया है. पिछले साल वह इस फेहरिस्त में 48वें स्थान पर रहे थे. इस लम्बी छलांग के बारे में पूछे जाने पर योग गुरु रामदेव के करीबी सहयोगी ने कहा, "यह भारत की संस्कृति और इसके नागरिकों की जीत है कि एक विदेशी पत्रिका को पतंजलि आयुर्वेद जैसी गैर सूचीबद्ध कम्पनी की संपत्ति का आकलन करना पड़ रहा है."
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि पतंजलि आयुर्वेद की आईपीओ लाकर पूंजी बाजार में उतरने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. बालकृष्ण ने स्पष्ट किया कि पतंजलि आयुर्वेद ने वस्त्र निर्माण क्षेत्र में उतरने की योजना से कदम पीछे नहीं खींचे हैं. उन्होंने कहा, "हम कपड़ों के डिजाइन और गुणवत्ता के बारे में अध्ययन कर रहे हैं. उम्मीद है कि हम आगामी अप्रैल तक वस्त्र निर्माण के क्षेत्र में उतरेंगे." बालकृष्ण ने किसी का नाम लिये बगैर आरोप लगाया कि कुछ ताकतें पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों से लोगों का मोहभंग करने के लिये हर तरह से कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने कहा, "कभी हमारे घी में फफूंद होने जैसी बेतुकी बात की जाती है, तो कभी गुणवत्ता परीक्षण में हमारे आंवला जूस के फेल होने को लेकर अधूरे तथ्यों के साथ दुष्प्रचार किया जाता है." बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि आयुर्वेद की मौजूदा वित्तीय वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश की योजना है. कंपनी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर के राज्यों, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में इकाइयां लगाने की दिशा में काम कर रही है.
पतंजलि आयुर्वेद चालू वित्त वर्ष के दौरान देशभर में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. कंपनी के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने यह जानकारी दी. बालकृष्ण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में कारखाना लगाने की संभावनायें तलाश रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो कंपनी का यहां धार जिले के पीतमपुरा औद्योगिक क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण कारखाना मार्च तक काम करने लगेगा. ‘उम्मीद है कि खाद्य प्रसंस्करण इकाई मार्च 2018 तक उत्पादन शुरू कर देगी, इसमें 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है.’
बालकृष्ण ने कहा कि इस संयंत्र में बिस्कुट, सूजी, नूडल्स और आटा का उत्पादन होगा. इसमें रोजाना 1,000 टन गेहूं का प्रसंस्करण किया जायेगा. मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने पतंजलि को राज्य में 25 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर पर 40 एकड़ जमीन आवंटित की है. उन्होंने कहा कि कंपनी राज्य में फल एवं सब्जियों के प्रसंस्करण की संभावनायें भी तलाश रही है. बालकृष्ण ने कहा, ‘यदि राज्य सरकार हमें जमीन देती है तो हम यहां गऊशाला भी बना सकते हैं.’