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नई दिल्ली: Goods and Services Tax: अब लस्सी पीना आपको महंगा पड़ सकता है. जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (एएआर-गुजरात) ने माना है कि लस्सी माल और सेवा कर (GST) से मुक्त है. एएआर ने हाल के एक मामले में यह फैसला सुनाया है. वहीं, वर्गीकरण में कठिनाई के कारण एएआर पीठों ने पहले ही यह माना है कि फ्लेवर्ड दूध जीएसटी मुक्त नहीं है. लस्सी वाले मामले में वलसाड स्थित निर्माता और आपूर्तिकर्ता संपूर्ण डेयरी एंड एग्रोटेक ने लस्सी पर लागू जीएसटी दर को लेकर एएआर-गुजरात से संपर्क किया था. वलसाड स्थित डेयरी 'एलन' ब्रांड नाम के तहत लस्सी बेचती है. बिक्री चार फ्लेवर्स में की जाती है- सादा (बिना चीनी या नमक के), जीरा के साथ नमकीन, चीनी के साथ मीठा स्ट्रॉबेरी, और चीनी के साथ मीठा ब्लूबेरी.
एएआर बेंच ने कहा कि बनाकर बेची जा रही लस्सी की मुख्य सामग्री दही, पानी और मसाले हैं. बोतल पर दिखाई गई सामग्री में पैश्चराइज्ड टोंड दूध, मसाले, पुदीना, हरी मिर्च, अदरक, नमक, एक्टिव कल्चर, प्राकृतिक जैसे एडेड फ्लेवर और स्टेबलाइजर शामिल थे. बोतल पर कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, यह एक 'डेयरी-बेस्ड फरमेंटेड ड्रिंक' है. सौभाग्य से निर्माता और अंतिम उपभोक्ता के लिए दही, लस्सी और छाछ एक विशिष्ट वर्गीकरण (HSN 040390) के अंतर्गत आते हैं और GST से मुक्त हैं. कर विशेषज्ञ बताते हैं कि फ्लेवर्ड दूध के निर्माता और आपूर्तिकर्ता उतने भाग्यशाली नहीं हैं.
गुजरात एएआर ने ही अमूल के मामले में, जो फ्लेवर्ड दूध का निर्माण और आपूर्ति करता है, माना था कि फ्लेवर्ड दूध पर 12% की जीएसटी दर लागू होगी (HSN 22029930). फ्लेवर्ड मिल्क, दूध में चीनी और अनुमत फ्लेवर को मिलाकर तैयार होता है। एक कर विशेषज्ञ का कहना है, 'संक्षेप में, लस्सी और फ्लेवर्ड दूध दोनों ही डेयरी आधारित पेय हैं, लेकिन वर्गीकरण कोड उनके साथ अलग तरह से व्यवहार करते हैं.'
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