GSTR-3B भरने के लिए तीन महीने बढ़ सकती है समय-सीमा, बैठक 26 मार्च को
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GSTR-3B भरने के लिए तीन महीने बढ़ सकती है समय-सीमा, बैठक 26 मार्च को

वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत कंपनियों के लिए सरल रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप दे सकती है.

GSTR-3B भरने के लिए तीन महीने बढ़ सकती है समय-सीमा, बैठक 26 मार्च को

नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक में सरलीकृत बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-3 बी भरने के लिए समय-सीमा तीन महीने जून तक बढ़ाई जा सकती है. वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत पंजीकृत कंपनियों के लिए सरल रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप दे सकती है. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं.

  1. सरल रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को दिया जा सकता है अंतिम रूप
  2. जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं
  3. जीएसटी परिषद की 26वीं बैठक 10 मार्च को प्रस्तावित है

एक अधिकारी ने कहा, "परिषद अगर सहमत होती है तो नई रिटर्न फाइलिंग प्रणाली को लागू होने में तीन महीने का समय लग सकता है. तब तक जीएसटी-3 बी जारी रह सकता है." जीएसटी परिषद की 26वीं बैठक 10 मार्च को प्रस्तावित है. वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के साथ सरल बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-3 बी जुलाई में पेश किया गया था. इसका मकसद कंपनियों को जीएसटी क्रियान्वयन के शुरुआती महीनों में रिर्टन फाइल करने को आसान बनाना था. इसके बाद अंतिम रिटर्न जीएसटीआर-1, 2 और 3 लागू किया गया.

कंपनियों को अंतिम रिटर्न भरते समय बिलों के मिलान में कठिनाई के साथ जीएसटीएन प्रणाली में जटिलता को देखते हुए जीएसटी परिषद ने पिछले साल नवंबर में जीएसटीआर-3 बी भरने का समय बढ़ाकर मार्च 2018 तक कर दिया और खरीद रिटर्न जीएसटी-2 तथा अंतिम रिटर्न-3 के उपयोग को छोड़ दिया.

अधिकारी ने बताया, ‘‘जीएसटी-3 बी फाइलिंग व्यवस्था स्थिर हो गई हैं और कंपनियां इसको लेकर सहज हैं. इसीलिए कंपनियां 3बी के जरिये तब तक कर का भुगतान कर सकती हैं जब तक नई रिटर्न फाइलिंग व्यवस्था नहीं आ जाती. शुरुआती जीएसटी-3 बी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि संबंधित महीने के अगले माह की 20 तारीख है.

जीएसटी परिषद ने जनवरी में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अगुवाई वाले मंत्रियों के समूह को रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उपायों पर विचार करने को कहा ताकि कंपनियां जीएसटी के अंतर्गत केवल एक फॉर्म भर सके. सरल रिटर्न फॉर्म को लेकर मंत्रियों के समूह की पिछले महीने बैठक हुई लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला.

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