Haryana: विधानसभा चुनाव से पहले सैनी सरकार ने चला बड़ा दांव, HKRN कर्मचारियों को दिया तोहफा
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Haryana: विधानसभा चुनाव से पहले सैनी सरकार ने चला बड़ा दांव, HKRN कर्मचारियों को दिया तोहफा

HKRNL: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने HKRNL के माध्यम से लगे स्तर 1, 2 और 3 श्रेणियों के 1,19,861 कर्मचारियों के मासिक वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की है.

Haryana: विधानसभा चुनाव से पहले सैनी सरकार ने चला बड़ा दांव, HKRN कर्मचारियों को दिया तोहफा

Haryana govt salary hike: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा दांव चला है. सोमवार को मुख्यमंत्री ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के माध्यम से लगे 1.19 लाख से अधिक कर्मचारियों के मासिक वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की है.

सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने HKRNL के माध्यम से लगे स्तर 1, 2 और 3 श्रेणियों के 1,19,861 कर्मचारियों के मासिक वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की है. बयान में कहा गया है कि1 जुलाई से इन कर्मचारियों के वेतन 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी. 

कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी के लिए की गई स्थापना

HKRNL को 13 अक्तूबर 2021 को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत शामिल किया गया था. हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड की स्थापना सभी सरकारी संस्थाओं में पारदर्शी, मजबूत और न्यायसंगत तरीके से कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है. 

सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को विभिन्न श्रमिकों संघों और हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के कर्मचारियों के साथ बैठक के दौरान इसकी घोषणा की. बयान में यह भी कहा गया है कि HKRNL के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से की गई है. HKRNL के तहत लेवल 1 में 71,012 कर्मचारी, लेवल 2 में 26,915 और लेवल 3 में 21,934 कर्मचारी हैं. इसके तहत नियुक्त कर्मचारियों में अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को आरक्षण का लाभ भी दिया गया है.

कांग्रेस पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान आउटसोर्सिंग नीतियों के तहत नियुक्त संविदा कर्मचारियों का शोषण किया गया और ठेकेदारों ने इन कर्मचारियों को ईपीएफ और अन्य लाभों को देने से इनकार कर दिया. साथ ही कर्मचारियों को श्रम निधि योजनाओं के तहत कोई लाभ नहीं मिला और ठेकेदार अपनी इच्छानुसार इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि आज कर्मचारियों को समय पर वेतन के साथ अन्य लाभ भी मिल रहा है. अब किसी भी विभाग या निजी प्रतिष्ठान के लिए जरूरी लोगों की भर्ती निगम के माध्यम से की जाती है. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यदि कोई कर्मचारी दुर्घटनाग्रस्त हो जाता था तो उसे कथित तौर पर कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती थी, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने एक निगम बनाया है और किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना में सहायता के लिए कर्मचारियों के साथ मजबूती से खड़ी है.

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