Hindenburg Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्यों लपेटे में आईं SEBI चेयरमैन मधु, 10 प्वाइंट में समझिए पूरा मामला
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Hindenburg Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्यों लपेटे में आईं SEBI चेयरमैन मधु, 10 प्वाइंट में समझिए पूरा मामला

Hindenburg Report 2024: हिंडनबर्ग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में एक बार फिर अपनी रिपोर्ट से पूरे देश में भूचाल ला दिया है. रिपोर्ट द्वारा रचे चक्रव्यूह के घेरे में एक बार फिर अडानी ग्रुप को घेरा गया है. 

Hindenburg Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्यों लपेटे में आईं SEBI चेयरमैन मधु, 10 प्वाइंट में समझिए पूरा मामला

Hindenburg Sebi Chairman Madhabi Buch: कुछ समय पहले अडानी का साम्राज्य हिला डालने की कोशिश कर चुके विदेशी संस्थान हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अडानी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज को लेकर चौकाने वाला खुलासा किया है. अमेरिकी रिसर्च  इंवेस्टमेंट कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Buch) और उनके पति पर अडानी (Adani) से जुड़ी विदेशी कोष में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया है. हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी और उनके पति को लपेटे में लिया है. हालांकि सेबी प्रमुख और उनके पति धवल ने साझा बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं. इनमें जरा  भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब जैसी है. सभी आवश्यक डिटेल्स/खुलासे काफी समय पहले ही SEBI को दिए जा चुके हैं. हमें किसी भी फाइनेंशियल पेपर का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.’

  1. हिंडनबर्ग ने एक बार फिर खुलासा बम फोड़ा है. इस बार निशाने पर सेबी चीफ माधबी बुच हैं. हिंडनबर्ग ने सेबी चीफ का अडानी ग्रुप से गहरा रिश्ता बताया है.
  2. हिंडनबर्ग का आरोप है कि उन्होंने अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच में सख्ती नहीं बरती. 18 महीने तक कोई जांच नहीं की
  3. हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच में निष्पक्षता नहीं बरती गई.
  4. हिंडनबर्ग रिसर्च ने ये भी कहा कि सबूतों के बावजूद भी अडानी ग्रुप पर कोई कार्रवाई नहीं की.
  5. हिंडनबर्ग रिसर्च ने ये दावा भी किया, 'बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी छुपाई गई. मौजूदा सेबी चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) ने उसी अस्पष्ट अपतटीय बरमूडा और मॉरीशस फंड में अपनी हिस्सेदारी छिपाई, जो विनोद अडानी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक ही जटिल ढांचे में पाए गए थे.
  6. हिंडनबर्ग रिसर्च का आरोप ये भी है कि अडानी ग्रुप के ऑफशोर फंड्स के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया. साइफनिंग स्कैंडल में पैसा इस्तेमाल किया गया. पैसों की हेराफेरी के लिए कई तरह के फंड का इस्तेमाल किया. हिंडनबर्ग रिसर्च के मुताबिक बुच दंपति का ऑफशोर एंटिटी में हिस्सेदारी है.
  7. हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि अडानी दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ डॉलर है. IIFL में एक प्रमुख के हस्ताक्षर वाले फंड की घोषणा में कहा गया है कि उनके इंवेस्टमेंट का स्रोत ‘सैलरी’ है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ US डॉलर आंकी गई है. रिपोर्ट में आरोप है कि उसके पास मौजूद पेपर्स से पता चलता है कि अच्छी गुडविल वाले कई भारतीय म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स होने के होने के बावजूद, सेबी चीफ माधबी बुच और उनके पति के पास कम परिसंपत्तियों के साथ एक बहुस्तरीय विदेशी कोष में हिस्सेदारी ली थी.'
  8. गौतम अडानी और विनोद अडानी पर गंभीर आरोप: हिंडनबर्ग ने व्हिसलब्लोअर के दस्तावेजों के आधार पर ये खुलासे का दावा किया है कि आरोपियों के एसेट्स हाई रिस्क जोन वाले अधिकार क्षेत्र से होकर गुजरते थे. इसकी देखरेख घोटाले से कथित तौर पर जुड़ी एक कंपनी ही करती थी. ये वही यूनिट है, जिसे अडानी के निदेशक चलाते थे और विनोद अडानी ने कथित अडानी नकदी हेरफेर घोटाले में महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किया था. ऐसे फंड जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं, उन्हें ऑफशोर फंड कहते हैं. इन्हें फॉरेन फंड भी कहते हैं.
  9. ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप: इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है. हालांकि, समूह ने पहले भी आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया था. 
  10. SEBI चीफ और आरोप के बाद सेबी चीफ का पद पर बने रहना उचित है? हिंडनबर्ग के आरोप के बाद कई बड़े सवाल भी उठ खड़े हुए है. क्या सरकार इस मामले की जांच कराएंगी?

ये भी पढ़ें- Hindenburg के आरोपों का SEBI चीफ ने दिया जवाब

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