Gautam Adani: डेढ़ साल पहले जब अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई तो ग्रुप की कंपनियों के शेयर अपने निचले स्तर पर आ गए. इससे अडानी ग्रुप को 153 अरब डॉलर का नुकसान हुआ लेकिन इससे हिंडनबर्ग को कितनी कमाई हुई?
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Adani Group Market Cap: 24 जनवरी 2023 को आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप हिल गया था. रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर में जो गिरावट आई उसने स्टॉक मार्केट में तबाही मचा दी. दुनियाभर के अरबपतियों की लिस्ट में गौतम अडानी गिरकर 20वें पायदान से भी नीचे पहुंच गए थे. इस रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमत में 153 अरब डॉलर तक की गिरावट आई. लेकिन, इस पूरे मामले से हिंडनबर्ग को कोई खास फायदा नहीं हुआ. ब्लूमबर्ग की तरफ से इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन इससे जुड़ी जानकारी हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में दी है.
डेढ़ साल बाद भी पूरी तरह उबर नहीं पाए अडानी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से लगे झटके से अडानी डेढ़ साल बाद भी पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं. अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने पहली बार बताया कि पिछले साल अडानी ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी और बाजार में हेरफेर के आरोप लगाने वाली रिपोर्ट से उन्हें कितना फायदा हुआ. इस रिपोर्ट को नाथन एंडरसन की तरफ से शेयर की गई थी. रिपोर्ट सामने आने के बाद एशिया के सबसे धनी लोगों में से एक गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य को हिला दिया था.
रिपोर्ट से पहले से 30 बिलियन डॉलर कम है ग्रुप का मार्केट कैप
रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंडनबर्ग ग्रुप की कमाई और इस घटना के व्यापक असर के बीच का अंतर बताता है, कैसे सही समय पर किया गया रिसर्च दूरगामी असर डाल सकता है, भले ही उस रिसर्च के नतीजों से फायदा उठाना आसान न हो. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों और बॉन्ड की कीमत में अचानक से उतार-चढ़ाव देखा गया. उसके बाद निचले स्तर पर पहुंचे शेयरों की कीमत में काफी सुधार देखा गया है. अडानी ग्रुप का मार्केट कैप बढ़कर 205 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. यह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले के स्तर से करीब 30 बिलियन डॉलर कम है.
हिंडनबर्ग ने इसके बाद 4.1 मिलियन डॉलर कमाए
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताए गए घोटालों के दांव लगाने (शॉर्ट सेलिंग) से 4.1 मिलियन डॉलर कमाए. यह कमाई 'एक निवेशक संबंध' से हुई थी, हालांकि उसका नाम उजागर नहीं किया गया है. साथ ही, उन्होंने खुद अडानी के अमेरिकी बॉन्ड्स पर दांव लगाकर करीब 31,000 डॉलर कमाए. हिंडनबर्ग ने पिछले साल की रिपोर्ट में बताए गए धोखाधड़ी के आरोपों पर सेबी के कार्रवाई नहीं करने को लेकर आलोचना भी की.
सेबी के काम की आलोचना की
हिंडनबर्ग का कहना है कि सेबी ऐसे घोटालों को उजागर करने वालों के पीछे पड़ने में ज्यादा दिलचस्पी लगती है, जबकि अडानी के कारोबार की उनकी जांच कहीं अटक गई है. हिंडनबर्ग की तरफ से वेबसाइट पर वो 'कारण बताओ नोटिस' भी डाल दिया है जो उन्हें सेबी से जून में मिला था. सेबी (SEBI) का दावा है कि हिंडनबर्ग की अडानी ग्रुप पर दी गई रिपोर्ट में कुछ गलत जानकारियां और गुमराह करने वाले बयान थे.
46 पेज के इस दस्तावेज में सेबी ने कहा कि हिंडनबर्ग ने कुछ तथ्यों को ज्यादा महत्वपूर्ण बताने और दूसरों को कम करके आंकने के लिए 'अनुमान और अटकलों' का सहारा लिया है, ताकि अडानी ग्रुप कंपनियों के खिलाफ नकारात्मक राय बनाई जा सके. सेबी ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग ने एक ऐसे ब्रोकर का हवाला दिया है जिसे शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है, इससे निवेशकों का रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क पर भरोसा कम हुआ है.