HO Quota In Train: रेलवे में आखिर क्या होता है 'HO कोटा'? अगर ये लग जाए तो वेटिंग टिकट भी हो जाती है कंफर्म
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HO Quota In Train: रेलवे में आखिर क्या होता है 'HO कोटा'? अगर ये लग जाए तो वेटिंग टिकट भी हो जाती है कंफर्म

Indian Railway Ticket Rules: भारतीय रेलवे में एक ऐसा कोटा भी होता है, जिसके जरिए वेटिंग टिकट वाले भी कंफर्म सीट हासिल कर सकते हैं. ये कोटा क्या है और कैसे मिलता है, इसके बारे में हम विस्तार से बताते हैं.

HO Quota In Train: रेलवे में आखिर क्या होता है 'HO कोटा'? अगर ये लग जाए तो वेटिंग टिकट भी हो जाती है कंफर्म

How to get confirmed train ticket in case of emergency: आपने ट्रेन में कई बार सफर किया होगा. इसके लिए सबसे पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट बुक करवाना पड़ता है. भारतीय रेलवे में टिकट बुकिंग के लिए अलग-अलग कोटा हैं, जिसमें से आप अपनी पात्रता के अनुसार टिकट बुक करवाते हैं. जिन लोगों का स्पेशल कोटा होता है, उन्हें सीट बुकिंग में प्राथमिकता दी जाती है. ऐसा ही एक खास कोटा होता है HO Quota. इस कोटा की सबसे खास बात ये है कि अगर इसमें आपको वेटिंग टिकट मिल रहा हो तो वह सीट भी कंफर्म हो जाती है. आज हम इस जादुई कोटे के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. 

अब सवाल ये आता है कि आखिर ये HO Quota क्या होता है और इसे कैसे हासिल किया जा सकता है. यह भी सवाल उठता है कि क्या टिकट बुकिंग करवाते समय ही इस कोटा (HO Quota In Train) का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा यह इस कोटा में वेटिंग लिस्ट वाली टिकटें भी कंफर्म भी कैसे हो जाती हैं. आज इस लेख में आपको सारी जानकारी मिल जाएगी. 

आखिर क्या होता है एचओ कोटा?

असल में HO कोटा का मतलब हेड क्वार्टर (Head Quarters) या हाई ऑफिशियल कोटा (High Official Quota) होता है. इस कोटे का इस्तेमाल टिकट बुकिंग के समय नहीं किया जाता. सबसे पहले सामान्य श्रेणी में टिकट लेनी होती है. अगर उसमें कंफर्म सीट मिल गई तो फिर कोई समस्या ही नहीं रहती. लेकिन अगर वेटिंग का टिकट मिलता है तो फिर हेड क्वार्टर के जरिए संपर्क करके उस टिकट को कंफर्म करके सीट दी जाती है. 

इन लोगों को मिलता है फायदा

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह HO Quota (HO Quota In Train) वीआईपी लोगों और इमरजेंसी में यात्रा करने वाले लोगों के लिए होता है. इनमें सांसद, विधायक, बड़े अधिकारी, रेलवे के अधिकारी, तीनों सेनाओं के अधिकारी समेत कई लोग शामिल होते हैं. कुछ परिस्थितियों में सामान्य लोग भी इस कोटा का फायदा ले सकते हैं. अगर उनकी अर्जी मंजूर हो जाती है तो उन्हें भी कंफर्म सीट मिल जाती है. 

एक दिन पहले कंफर्म हो जाता है टिकट

जो लोग इस कोटा (HO Quota In Train) के लिए अप्लाई करते हैं, फाइनल चार्ट बनने से एक दिन पहले उनका वेटिंग टिकट कंफर्म कर दिया जाता है. रेलवे की ओर से हरेक ट्रेन में कुछ सीटें इस कोटा के लिए रखी जाती हैं. हालांकि उनकी संख्या बहुत कम होती है. जिस रूट पर वीआईपी मूवमेंट ज्यादा होती है, वहां पर यह कोटा ज्यादा रखा जाता है. 

आम लोग ऐसे ले सकते हैं फायदा

आम लोगों को इस कोटे (HO Quota In Train) का फायदा लेने के लिए सफर की तारीख से एक दिन रेलवे रिजर्वेशन सेंटर पर अप्लाई करना होता है. वहां पर आपको ये साबित करना होता है कि किसी इमरजेंसी की वजह से आपको तुरंत जाना जरूरी है. आपको अपनी बात के समर्थन में आवश्यक कागज चीफ रिजर्वेशन ऑफिसर को देने होते हैं. अगर वे इससे संतुष्ट हो जाते हैं तो आपको एक फॉर्म भरने को देंगे. 

प्रमाणित करवाना होता है फॉर्म

इस फॉर्म को भरकर किसी राजपत्रित अधिकारी से उसे प्रमाणित करवाना होता है. इसके बाद वह फॉर्म रिजर्वेशन सेंटर पर जमा करवाना होता है. वहां से उस फॉर्म को रेलवे के जोनल ऑफिस भेजा जाता है. अगर वहां से वह फॉर्म अप्रूव हो जाता है तो उस व्यक्ति की सीट कंफर्म (HO Quota In Train) कर दी जाती है. 

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