हर मिनट 2 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन, UPI पेमेंट में दुनिया मान रही है लोहा; भारत ने कैसे हासिल की ये बड़ी उपलब्धि?
Advertisement
trendingNow12471239

हर मिनट 2 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन, UPI पेमेंट में दुनिया मान रही है लोहा; भारत ने कैसे हासिल की ये बड़ी उपलब्धि?

Digital transactions in India: भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों का अध्ययन करने से पता चलता है कि देश में वित्त वर्ष 2016-2017 में यूपीआई से सिर्फ 36 फीसदी पेमेंट की जाती थी. यह भुगतान दर 2021 खत्म होते-होते 63 फीसदी पहुंच गई. 

हर मिनट 2 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन, UPI पेमेंट में दुनिया मान रही है लोहा; भारत ने कैसे हासिल की ये बड़ी उपलब्धि?

UPI Payments in India: त्वरित भुगतान प्रणाली यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI के जरिए देश में होने वाले पेमेंट्स में सालाना आधार पर साल के पहले छह महीनों में 52 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. भुगतान प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता संस्था 'वर्ल्डलाइन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के पहली छमाही में देश में डिजिटल पेमेंट बढ़कर सालाना 78.97 अरब हो गया. 

2016 में यूपीआई के आने के बाद से भारत दुनिया में डिजिटल पेमेंट्स में बादशाह बना हुआ है. हालांकि ,यूपीआई से शुरुआत में इतनी सफलता नहीं मिली थी. लेकिन, कोरोना महामारी के दौरान बंदी ने इसे कई गुना बढ़ा दिया. भारत सरकार के आधिकारिक आंकड़ों का अध्ययन करने से पता चलता है कि देश में वित्त वर्ष 2016-2017 में यूपीआई से सिर्फ 36 फीसदी पेमेंट की जाती थी. यह भुगतान दर 2021 खत्म होते-होते 63 फीसदी पहुंच गई. इससे साफ पता चलता है कि 5 साल में यूपीआई पेमेंट्स में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई.

UPI से लेनदेन की वैल्यू 40 प्रतिशत बढ़ी

रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 की पहली छमाही में यूपीआई से लेनदेन की राशि 51.9 बिलियन से बढ़कर 78.97 बिलियन हो गई. इस समायावधि में यूपीआई से लेनदेन की वैल्यू 40 प्रतिशत बढ़ी है. भारत में फोन पे, पेटीएम और गूगल पे, भीम जैसे तमाम एप इस पेमेंट मेथड के लिए उपलब्ध एप हैं. लोग इन्हीं एप के माध्यम से यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं. 

भारत में वॉल्यूम और वैल्यू के मामले में तीन यूपीआई ऐप अग्रणी हैं. इनमें फोन पे, गूगल पे और पेटीएम का नंबर क्रमवार आता है. इस साल के जून महीने तक, इन तीनों ऐप के माध्यम से कुल का 94.83 प्रतिशत था.

दुनिया में सबसे ज्यादा लेनदेन

इसके अलावा इसी समयावधि में यूपीआई क्यूआर में 39 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो इसी अवधि के दौरान 244.23 मिलियन से बढ़कर 340 मिलियन हो गई है. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई की समयावधि में यूपीआई से कुल लेनदेन 81 लाख करोड़ हुआ. यह लेनदेन दुनिया में सबसे ज्यादा है. इस ट्रांजैक्शन में 2023 के मुकाबले में करीब 37 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.

आंकड़े के मुताबिक भारत में यूपीआई से हर एक सेकेंड 3,729.1 रुपए का लेनदेन हुआ है. यह आंकड़ा 2022 तक 2,348 रुपए प्रति सेकेंड था. ऐसे में यूपीआई में 58 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

सरल इंटरफेस सफलता की सबसे बड़ी वजह

यूपीआई में आई बढ़ोत्तरी के बारे में बताते हुए अर्थशास्त्र के मशहूर जानकार आकाश जिंदल कहते हैं, “हिंदुस्तान के लिए यूपीआई एक सफल कहानी है. देश और दुनिया में यह लगातार पॉपुलर होता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण इसका सरल इंटरफेस है. यह इतना सरल है कि इसे हर व्यक्ति इस्तेमाल कर पा रहा है.

ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति टेक्नालॉजी में या आईटी में एक्सपर्ट हो वही व्यक्ति इसे इस्तेमाल कर पाए. सबसे बड़ी बात यह है कि आज पूरे देश में कोई भी आम आदमी एक रुपए का भी कुछ लेता है तो वह यूपीआई से पेमेंट करता है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह इसका सरल इंटरफेस है. देश में इस तकनीक के उन्नति की सबसे बड़ी वजह ही यही है. 

(इनपुट- एजेंसी)

Trending news