किसानों को लोन देने के लिए अब सैटेलाइट का इस्तेमाल हो रहा है. ICICI बैंक ने इस नई तकनीक की शुरुआत कर दी है. बैंक सैटेलाइट के जरिए ली गई किसानों के खेतों की तस्वीरों का आंकलन करने के बाद उन्हें लोन दे रहा है.
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नई दिल्ली: किसानों को लोन देने के लिए अब सैटेलाइट का इस्तेमाल हो रहा है. ICICI बैंक ने इस नई तकनीक की शुरुआत कर दी है. बैंक सैटेलाइट के जरिए ली गई किसानों के खेतों की तस्वीरों का आंकलन करने के बाद उन्हें लोन दे रहा है. ICICI बैंक का कहना है कि इस तकनीक के जरिए किसानों की आर्थिक स्थिति का सही अंदाजा लगाने में मदद मिल रही है, साथ ही लोन को मंजूरी देने में भी कम वक्त लग रहा है. इस कदम से बैंक को अपना खर्च घटाने में भी मदद मिल रही है.
ICICI बैंक महाराष्ट्र (Maharashtra), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और गुजरात (Gujarat) के 500 से ज्यादा गांवों का पिछले कुछ महीनों से सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल कर रहा है और लोन बांट रहा है. बैंक की योजना इस तकनीक को 63000 गांवों तक फैलाने की है. बैंक का कहना है कि 'इस नई तकनीक से किसानों की लोन लिमिट बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही जो नए किसान बैंक से जुड़ रहे हैं उन तक पहुंच आसान बनेगी.' ICICI बैंक का दावा है कि वह इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला भारत का पहला बैंक होगा.
कैसे काम करती है 'सैटेलाइट' स्कीम?
दरअसल इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा ये है कि किसी बैंक के अधिकारी को लोन लेने वाले किसान के खेत में नहीं जाना पड़ता. अब तक किसानों को लोन देने से पहले बैंक के अधिकारी फसल की क्वालिटी, सिंचाई की व्यवस्था और जमीन की हालत का जायजा लेने खेतों में जाते थे. लेकिन अब बैंक खेतों की सैटेलाइट तस्वीरें लेकर इसे थर्ड पार्टी को भेज देता है, जो इसकी पूरी जांच पड़ताल कर बैंक को जानकारी देता है. इन सैटेलाइट तस्वीरों से खेत के आकार और फसल की क्वालिटी के आधार पर बैंक को किसानों को होने वाली आय का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है.
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नई टेक्नोलॉजी से जल्दी मिलेगा लोन
ICICI बैंक कार्यकारी निदेशक अनूप बागची ने कहा कि 'सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल करने से बैंक के खर्च में कमी आएगी. साथ ही लोन की मंजूरी में लगने वाले समय में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कुछ ही दिन में लोन मंजूर हो रहा है. आम तौर पर लोन मंजूर होने में 15 दिन का समय लग जाता है.
ICICI बैंक का ग्रामीण कर्ज का पोर्टफोलियो 571 अरब रुपए का है. इस टेक्नोलॉजी में लोन लेने के लिए किसान की क्षमता का पता लगाया जाता है. इसमें 40 से ज्यादा पैरामीटर्स होते हैं. ICICI बैंक के करीब 571 अरब रुपए के ग्रामीण लोन में इस लोन की एक-तिहाई हिस्सेदारी है. बागची ने कहा कि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लंबी अवधि में बैंक की असेट क्वालिटी में सुधार आएगा. भारत की 2.8 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि की करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी है.
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