FD और SIP में कौन सा विकल्प है निवेश के लिए बेस्ट? यहां दूर करिए कंफ्यूजन
Advertisement
trendingNow1735308

FD और SIP में कौन सा विकल्प है निवेश के लिए बेस्ट? यहां दूर करिए कंफ्यूजन

जब बात निवेश की आती है, तो ज्यादातर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि निवेश कहां किया जाए? वो ये भी चाहते हैं कि जहां भी निवेश किया जाए वो सुरक्षित हो और रिटर्न भी अच्छा मिले.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: जब बात निवेश की आती है, तो ज्यादातर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि निवेश कहां किया जाए? वो ये भी चाहते हैं कि जहां भी निवेश किया जाए वो सुरक्षित हो और रिटर्न भी अच्छा मिले. कोई कहता है फिक्स्ड डिपॉजिट कर लो, निश्चिंत रहेंगे तो कहेगा म्यूचुअल फंड में SIP कर लो, बढ़िया रिटर्न मिलेगा. हालांकि इन दोनों विकल्पों में कोई बुराई नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक अलग निवेश का जरिया है और म्यूचुअल फंड में SIP अलग तरीका है. तो सबसे पहले इन दोनों को लेकर अगर कोई कंफ्यूजन आपके दिमाग में है तो उसे दूर कर देते हैं.

  1. FD और SIP में कौन सा विकल्प चुनें?
  2. SIP और FD निवेश में क्या अंतर है?
  3. कहां निवेश करने से बनेगा ज्यादा पैसा?
  4.  

FD क्या होता है?
फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposite) में आप किसी बैंक या किसी कंपनी में एक तय समय के लिए पैसा डाल देते हैं. जब इसकी मैच्योरिटी हो जाती है तो ब्याज के साथ आपको पैसा मिल जाता है. फिक्स्ड डिपॉजिट को निवेश का एक बहुत सरल और सुरक्षित जरिया माना जाता है, जिसे आमतौर पर रिटायर्ड लोग चुनते हैं, क्योंकि उनकी Risk Capacity यानि निवेश में खतरा लेने की क्षमता कम होती है. ये ऐसे लोगों के लिए एक तय आमदनी का यह अच्छा जरिया होता है. इसमें आप अपनी सहूलियत और जरूरत के हिसाब से ब्याज को एकसाथ बाद में भी ले सकते हैं और हर महीने भी ले सकते हैं. 

SIP क्या होता है? 
Systematic Investment plan या SIP म्यूचुअल फंड में निवेश का एक जरिया है. इसमें आप अपनी क्षमता के मुताबिक हर महीने कुछ पैसा म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं. ये एक लक्ष्य निर्धारित निवेश होता है, जैसे किसी को अगर 5 साल बाद करोड़पति बनना है तो उसे आज से ही कितना पैसा SIP के जरिए निवेश करना होगा, ये पहले से तैयारी करके चलता है. घर खरीदना, गाड़ी खरीदना, पढ़ाई के लक्ष्यों के हिसाब से अलग अलग SIP होती हैं. इसकी सबसे खास बात ये होती है कि रिस्क क्षमता के हिसाब से आप कैटेगरी भी चुनते हैं. अगर ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता है तो इक्विटी फंड्स, कम रिस्क क्षमता है तो डेट फंड्स और हल्की रिस्क क्षमता है तो हाइब्रिड फंड्स चुनते हैं. 

इसलिए आपको FD या SIP में से कौन सा निवेश विकल्प चुनना है, ये आप अपनी रिस्क क्षमता और लक्ष्यों के आधार पर तय कर सकते हैं. 

न्यूनतम निवेश
SIP में कोई भी व्यक्ति 500 रुपये महीना से निवेश शुरू कर सकता है, ताकि पॉकेट पर बोझ न पड़े. आप इसे मासिक की बजाय तिमाही आधार पर चुन सकते हैं. 
FD में न्यूनत निवेश की शुरुआत 1,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है. चूंकि ये निवेश एकमुश्त होता है, इसलिए लोगों को हर महीने पैसे नहीं जमा करना पड़ता. अमूमन लोग FD का विकल्प तभी चुनते हैं जब उनके पास एक बड़ी एकमुश्त रकम हो और वो उसे सुरक्षित कहीं रखना चाहते हैं. 

निवेश की अवधि
फिक्स्ड डिपॉजिट एक पारंपरिक निवेश का औजार है, इसे शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह से सोचा जा सकता है. FD 7 दिन से लेकर 45 दिन, 1.5 साल और अधिकतम 10 साल के लिए भी होती है. जबकि इसके ठीक उलट SIP को आमतौर पर लंबी अवधि का निवेश माना जाता है, जितना लंबा निवेश होगा, उतना अच्छा रिटर्न मिलेगा. 

रिटर्न कितना मिलेगा?
सौ बात की एक बात तो यही है कि किसी भी निवेश में कितना रिटर्न मिलता है? FD और SIP के रिटर्न में एक सबसे बड़ा अंतर ये है कि FD का रिटर्न तो फिक्स्ड होता है, लेकिन SIP का नहीं. फिक्स्ड डिपॉजिट का रेट एक निश्चित समय के लिए तय होता है, फिलहाल ये 5.5 परसेंट से लेकर 7.75 परसेंट के बीच चल रहा है. लेकिन SIP का रिटर्न म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन और शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है. अगर म्यूचुअल फंड में निवेश को 5 साल तक जारी रखा जाए तो 15 परसेंट तक का रिटर्न भी मिलता है. जो कि FD के रिटर्न से कहीं ज्यादा है. 

टैक्सेशन  
फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड्स में टैक्सेशन बिल्कुल अलग-अलग है. फिक्स्ड डिपॉजिट में जितना भी ब्याज आप कमाते हैं आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स काटा जाएगा. 
जबकि म्यूचुअल फंड्स में टैक्स इस आधार पर लगता है कि आपने निवेश कितने दिन तक बनाए रखा. यहां हम सिर्फ इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की बात करें तो टैक्स इस तरह से लगता है 

ये भी पढ़ें: Jeep Wagoneer की पहली झलक ने मचाई धूम, देखिए कब होगी लॉन्च, क्या होगी कीमत?

इक्विटी म्यूचुअल फंड में टैक्स 
12 महीने से ज्यादा अगर आपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स में निवेश कर रखा था, तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 10 परसेंट का टैक्स लगेगा, 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स फ्री नहीं है. 
12 महीने से कम समय तक यूनिट्स रखने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के हिसाब से 15 परसेंट टैक्स लगेगा

LIVE TV

Trending news