Yes Bank डूबा तो भी खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक मिलने की है उम्मीद
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Yes Bank डूबा तो भी खाताधारकों को 5 लाख रुपये तक मिलने की है उम्मीद

हम आपको एक राहत की खबर दे रहे हैं. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: गुरुवार को यस बैंक (Yes Bank) के कामकाज पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रोक के बाद खाताधारकों और निवेशकों में संशय बना हुआ है. ऐसे में हम आपको एक राहत की खबर दे रहे हैं. अगर भविष्य में यस बैंक डूबा तो भी आपके कम से कम 5 लाख रुपये वापस मिलने की उम्मीद बरकरार है. हम बता रहे हैं क्यों मिलेंगे आपको बैंक बंद होने पर भी इतनी रकम...

  1. यस बैंक डूबा तो भी खाताधारकों को न्यूनतम 5 लाख रुपये मिलने की उम्मीद
  2. आम बजट में बैंक जमा पर बीमा कवर को बढ़ाने का हुआ है ऐलान
  3. PMC बैंक घोटाले के बाद लिया गया है फैसला

बैंक बीमा 1 लाख से 5 लाख हो रहा है
बैंको के बंद होने से खाताधारकों को होने वाली परेशानी को देखते वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस फरवरी में पेश किए आम बजट (Budget 2020) में बैंक जमा पर मौजूदा एक लाख रुपये के बीमा कवर को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का एलान किया है. इसका अर्थ यह है कि बैंक में ग्राहक का चाहे जितना भी धन जमा हो, बैंक के दिवालिया होने या बंद होने पर उसे 5 लाख रुपये ही वापस दिया जाएगा. बैंक के डूबने की स्थिति में ग्राहक को उसकी कुल जमा और ब्याज के आधार पर पांच लाख रुपये तक मिलेंगे.

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यस बैंक सकंट से जुड़े जानकारों का कहना है कि आगामी अप्रैल महीने से नया कानून लागू होने वाला है. इसका मतलब ये है कि सभी खाताधारक अपने आप इस बीमा के पात्र हो जाएंगे. आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार, डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में जमा राशि बीमा के तहत होती है. यह अभी तक ये बीमा रकम एक लाख रुपये है. 

बैंक बंद नहीं हो रहा
एक अच्छी खबर यह है कि यस बैंक डूब नहीं रहा है बल्कि मैनेजमेंट चेंज हो रहा है. एक मैनेजमेंट जो बैंक को ठीक तरह नहीं चला पा रहा था उस पर RBI ने अपनी बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट वाली शक्ति का इस्तेमाल करके अपना ऑफिसर बैंक में बैठाया है. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बयान दिया उसमें भी उन्होंने ग्राहकों के हित का ध्यान रखने की बात की है. उधर SBI चेयरमैन रजनीश कुमार का बयान सुनने तो उनकी तरफ से येस बैंक में दिलचस्पी दिखाई गई है. यानि नया मैनेजमेंट जल्द आ सकेगा जो बैंक को प्रोफेशनल तौर पर फिर से नॉर्मल बैंकिंग की तरफ ले जाएगा.

बताते चलें कि सरकार ने बीमा राशि बढ़ाने का फैसला पिछले साल सामने आए पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) घोटाले के बाद लिया है. घोटाले के बाद बैंक के कारोबार को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों जमाकर्ताओं को नुकसान भुगतना पड़ा था. 

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