India 10 Trillion Dollar Economy: 5 ट्रिलियन छोड़िए, भारत बनेगा 10 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी; IMF चीफ ने बताया फॉर्मूला
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India 10 Trillion Dollar Economy: 5 ट्रिलियन छोड़िए, भारत बनेगा 10 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी; IMF चीफ ने बताया फॉर्मूला

IMF on Indian Economy: वैश्विक मंदी की आहट के बीच भारत की तेज आर्थिक प्रगति ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को भी तारीफ करने के लिए विवश कर दिया है. आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत 10 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को भी छू सकता है, बस उसे कुछ खास काम करने होंगे. 

India 10 Trillion Dollar Economy: 5 ट्रिलियन छोड़िए, भारत बनेगा 10 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी; IMF चीफ ने बताया फॉर्मूला

IMF on India 10 Trillion Dollar Economy: भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था (Indian Economy) फिलहाल 3 ट्रिलियन डॉलर यानी 3 हजार अरब डॉलर की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक इसे 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय कर रखा है. वहीं अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की जबरदस्त तारीफ करते हुए कहा है कि भारत 5 ट्रिलियन नहीं बल्कि 10 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी बनने में सक्षम है. उसने भारत को ऐसा उभरता देश बताया, जो वैश्विक मंदी और गिरती विकास दर के बीच दुनिया के लिए मिसाल बन रहा है.  

'चमकदार रोशनी की तरह उभरा भारत'

IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस गुरुवार को कहा कि भारत ऐसे वक्त में चमकदार रोशनी बनकर उभरा है जब दुनिया मंदी के कगार पर बैठी है. भारत ने कई ऐसे शानदार कदम उठाए हैं, जिन्होंने इस संकट भरे दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को पंख लगा रखे है. उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी बात नहीं है. वह चाहे तो 10 ट्रिलियन डॉलर (10 हजार अरब डॉलर) का भी लक्ष्य हासिल कर सकता है लेकिन इसके लिए उसे कुछ महत्वपूर्ण ढांचागत सुधार करने होंगें. 

पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने कहा, ‘हमने पहले भी कई देशों को बहुत तेज दर के साथ वृद्धि और विकास करते देखा है. यह कोई आसान काम नहीं है लेकिन भारत जैसी अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए मुश्किल भी नहीं है. भारत में अपार संभावना है. वह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. यह इस मुश्किल वक्त में 6.8 या 6.1 की ठोस दर के साथ आगे बढ़ रही है. जबकि बाकी अर्थव्यवस्थाएं भी उस स्पीड के साथ आगे नहीं बढ़ पा रही हैं.’

'भारत ने किया तकनीक का सही इस्तेमाल' 

भारत के डिजिटाइजेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए पियरे ने कहा कि यह कदम बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला रहा है. इसके चलते भारत सरकार के लिए ऐसे काम करना संभव हुआ है जो पहले बेहद कठिन होते. देश के जटिल आर्थिक मुद्दों का समाधान तलाशने में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिहाज से भारत दुनिया में सबसे प्रेरणादायी मिसाल पेश कर रहा है. 

IMF के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत की बहुत सी बातें दुनिया के लिए सीखने लायक हैं. उसने जनता तक आर्थिक योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना यानी DBT योजना शुरू की. इसके साथ ही लोगों का जीवनस्तर ऊपर उठाने के लिए इसी प्रकार की कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की. डिजिटाइजेशन और DBT जैसी योजनाओं के जरिए एक ही वक्त में करोड़ों लाभार्थियों के खातों में पैसा भेजना सक्षम हुआ, जिससे लोगों के जीवन स्तर मे सुधार आया है. 

'दुनिया के लिए प्रेरक शक्ति बना भारत'

IMF में वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो माउरो ने कहा, ‘हर महाद्वीप और हर आय स्तर के उदाहरण हमारे सामने हैं. यदि हम भारत की बात करें तो यह बहुत प्रभावशाली है. भारत में ऐसी बहुत सी बातें हैं, जिनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है. से बहुत कुछ सीखा जा सकता है.’

बताते चलें कि DBT योजना के जरिए वर्ष 2013 से लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजने का काम शुरू हुआ था. उसके बाद से अब तक 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लाभान्वितों तक पहुंचाई जा चुकी है. इनमें से 6.3 लाख करोड़ रुपये के लाभ सिर्फ 2021-22 में ही पहुंचाए गए. सरकार की ओर से जारी, 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार भारत में औसतन 90 लाख से अधिक डीबीटी भुगतान रोजाना होते हैं. 

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