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नई दिल्ली: अगर आप कहीं नौकरी या बिजनेस करते हैं, तो शायद आपको इनकम टैक्स देना पड़ता होगा. नौकरी पेशा लोगों को केवल सैलरी पर ही नहीं बल्कि बचत से आने वाले ब्याज, घर से हो रही कमाई, साइड बिजनेस, कैपिटल गेन्स जैसी कई चीजों पर इनकम टैक्स देना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ इनकम सोर्स ऐसे भी हैं, जिनसे होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 में टैक्स छूट वाली इस तरह की आमदनी के बारे में जिक्र है. आइए इनके बारे में विस्तार से बताते हैं.
भारत एक कृषिप्रधान देश है. देश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स कानून 1961 में कृषि से आमदनी को आयकर के दायरे से बाहर रखा गया है. यानी कृषि से होने वाली आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता.
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EPF के मामले में भी अगर व्यक्ति लगातार पांच साल की नौकरी के बाद अगर ईपीएफ की राशि निकालता है तो उस पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता.
पीपीएफ राशि और पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में निवेश की गई रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज एवं मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाली राशि तीनों इनकम टैक्स फ्री होती हैं.
अगर कोई कर्मचारी किसी आर्गेनाइजेशन में 5 साल तक काम करने के बाद कंपनी छोड़ता है तो उसे ग्रेच्युटी राशि मिलती है. यह राशि टैक्स छूट के दायरे में आती है. सरकारी कर्मचारी के लिए 20 लाख रुपए तक की राशि ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है. वहीं प्राइवेट कर्मचारी के लिए 10 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है.
सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट से पहले वॉलंटरी रिटायरमेंट (VRS) लेने पर मिलने वाली राशि में 5 लाख रुपये तक की राशि टैक्स फ्री होगा. हालांकि यह सुविधा सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को मिलती है.
अगर शादी-विवाह में दोस्तों या रिश्तेदारों से गिफ्ट मिलता है तो उस पर टैक्स नहीं चुकाना पड़ता. इसमें शर्त यह है कि आपको गिफ्ट आपकी शादी के आसपास ही मिला हो. अगर के छह महीने बाद गिफ्ट दिया जाए तो उस पर Income Tax में छूट नहीं मिलेगी. इसके साथ ही गिफ्ट की वैल्यू 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
आयकर कानून के सेक्शन 10(2) के तहत अविभाजित हिन्दू परिवार (HUF) से मिली रकम या विरासत में हुई आमदनी भी टैक्स के दायरे में नहीं आती है.
माता-पिता या परिवारिक विरासत में मिली प्रॉपर्टी, जेवर या कैश टैक्स के दायरे से बाहर हैं. वसीयत में मिलने वाली प्रॉपर्टी कैश पर भी टैक्स नहीं लगता है. अगर करदाता माता-पिता से मिली हुई राशि को निवेश कर कमाई करना चाहता है तो फिर उसे इससे होने वाली आमदनी पर टैक्स देना होगा.
NRI व्यक्ति को नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल खाते पर मिलने वाला ब्याज भारत में टैक्स फ्री है. NRE FD और बचत खाता दोनों तरह के खातों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में नहीं आता है.
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सरकार या किसी निजी संगठन से स्टडी या रिसर्च के लिए मिलने वाली स्कॉलरशिप कर मुक्त होती है. हर तरह की स्कॉलरशिप टैक्स के दायरे से बाहर होती है.