Income Tax Calculator: मोदी सरकार ने लगाया तगड़ा जुगाड़ और बना दिया ये कैलकुलेटर, मिनटों में लगाई जा सकेगी इनकम टैक्स की गणित
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Income Tax Calculator: मोदी सरकार ने लगाया तगड़ा जुगाड़ और बना दिया ये कैलकुलेटर, मिनटों में लगाई जा सकेगी इनकम टैक्स की गणित

New Tax Regime: आयकर विभाग ने बजट 2023 में घोषित नई आयकर व्यवस्था अच्छी है या पुरानी बेहतर है, यह तय करने में एक मदद करने के लिए एक 'Tax Calculator' जारी किया. आयकर विभाग के पोर्टल पर टैक्स कैलकुलेटर लाइव है. इसकी मदद से यह गणित लगाया जा सकता है कि आपकी इनकम पर कितना टैक्स लगेगा.

Income Tax Calculator: मोदी सरकार ने लगाया तगड़ा जुगाड़ और बना दिया ये कैलकुलेटर, मिनटों में लगाई जा सकेगी इनकम टैक्स की गणित

Tax Calculator: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट 2023 में इनकम टैक्स को लेकर कई अहम घोषणा की गई थी. इन घोषणाओं में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का भी ऐलान किया गया था और नए टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम को टैक्स फ्री कर दिया. हालांकि इसके बाद लोगों में ये असमंजस बना हुआ है कि वो नया टैक्स रिजीम चुनें या फिर पुराना टैक्स रिजीम चुनें. ऐसे में मोदी सरकार ने इस समस्या का भी हल कर दिया है.

इनकम टैक्स
आयकर विभाग ने बजट 2023 में घोषित नई आयकर व्यवस्था अच्छी है या पुरानी बेहतर है, यह तय करने में एक मदद करने के लिए एक 'Tax Calculator' जारी किया. आयकर विभाग के पोर्टल पर टैक्स कैलकुलेटर लाइव है. इसकी मदद से यह गणित लगाया जा सकता है कि आपकी इनकम पर कितना टैक्स लगेगा.

इनकम टैक्स कैलकुलेटर
आयकर विभाग ने ट्वीट कर बताया, 'Tax Calculator अब लाइव है! धारा 115बीएसी के अनुसार व्यक्ति/एचयूएफ/एओपी/बीओआई/कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (एजेपी) के लिए पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में नई कर व्यवस्था की जांच करने के लिए एक समर्पित टैक्स कैलकुलेटर को अब इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर एक्सेस किया जा सकता है.'

टैक्स स्लैब
टैक्स कैलकुलेटर केंद्रीय बजट 2023-24 घोषणा के आधार पर किसी व्यक्ति की आय पर टैक्स का मूल्यांकन करने में मदद करेगा. बजट की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, "हम नई आयकर व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था के रूप में भी बना रहे हैं. हालांकि, नागरिकों के पास पुरानी कर व्यवस्था का लाभ उठाने का विकल्प बना रहेगा."

छूट सीमा
नई व्यवस्था को चुनने वाले करदाताओं को छूट मिलेगी यदि उनकी आय घोषणा के अनुसार प्रति वर्ष 7 लाख रुपये से अधिक नहीं है. इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति दी जाएगी जो पहले से ही पुरानी कर व्यवस्था में उपलब्ध है. बुनियादी छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है. पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा निर्धारित है.

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