हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको दोनों ट्रेन का PNR नंबर लिंक करना होगा.
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नई दिल्ली: इंडियन रेलवे ने 1 अप्रैल से रिफंड के नियमों में बदलाव किया है. नए नियम के मुताबिक, ट्रेन के लेट से पहुंचने पर अगर आपकी कनेक्टिंग ट्रेन छूट जाती है तो आपको पूरा रिफंड मिलेगा. रेलवे ने एयरलाइंस की तर्ज पर इस सुविधा को शुरू किया है. हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको PNR नंबर लिंक करना होगा. सुविधा का लाभ उठाने से पहले नियमों की बारिकी को जान लेना जरूरी है.
कनेक्टिंग ट्रेन से क्या मतलब?
मान लीजिए आपको दरभंगा से पुणे जाना है. लेकिन, डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा नहीं है. ऐसे में आपने दरभंगा से मुंबई और मुंबई से पुणे के लिए दो अलग-अलग टिकट लिया. लेकिन, दरभंगा से मुंबई पहुंचने वाली ट्रेन कुछ घंटे के लिए लेट हो गई जिसकी वजह से मुंबई से पुणे वाली ट्रेन छूट गई. ऐसे में आपको मुंबई से पुणे वाली टिकट पर पूरा रिफंड मिल सकता है. इसके लिए, आपका दोनों PNR नंबर कनेक्टेड होना जरूरी है. यह काम रिजर्वेशन क्लर्क का है. इसके अलावा रिजर्वेशन ऑफिस, बुकिंग क्लर्क और टिकट कलेक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं.
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रिजर्वेशन वाली ट्रेन छूट जाने पर आप उस रूट की दूसरी ट्रेन से सफर कर सकते हैं. हालांकि, बर्थ दिलाने के लिए रेलवे बाध्य नहीं होगा. PNR लिंक करने से अगर रेलवे का कोई कर्मचारी मना करता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं. इस सुविधा का लाभ विंडो और ऑनलाइन टिकट दोनों पर उपलब्ध है.
PNR लिंकिंग की शर्तें
1. दोनों टिकट पर यात्रियों की जानकारी एक जैसी होनी चाहिए.
2. पहली ट्रेन में यात्री का गंतव्य स्टेशन और कनेक्टिंग ट्रेन का बोर्डिंग स्टेशन एक होना चाहिए.
3. काउंटर टिकट को काउंटर पर ही कैंसिल किया जा सकता है. अगर वहां काउंटर पर कैंसिल नहीं हो पाता है तो तीन दिनों के भीतर TDR फाइल करना होगा.
4. रेलवे आपकी रिक्वेस्ट की जांच के बाद रिफंड कर देगा.
5. TDR में आपको यह जिक्र करना होगा कि पहली ट्रेन के लेट होने की वजह से आपकी दूसरी ट्रेन छूटी है.