रेलवे का बड़ा ऐलान, इस तारीख तक नहीं चलेंगी ट्रेनें, रिफंड होगा पैसा
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रेलवे का बड़ा ऐलान, इस तारीख तक नहीं चलेंगी ट्रेनें, रिफंड होगा पैसा

 जिन यात्रियों ने 1 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक के बीच की टिकट को बुक कर रखा है वो रद्द हो जाएंगे.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते भारतीय रेलवे ने 12 अगस्त तक सभी तरह की नियमित टाइम टेबिल से चलने वाली मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर, लोकल ट्रेन और ईएमयू के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. हालांकि विशेष ट्रेनों का परिचालन पहले की तरह होता रहेगा. इसके अलावा जिन यात्रियों ने 1 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक के बीच की टिकट को बुक कर रखा है वो रद्द हो जाएंगे, जिसका यात्रियों को पूरा रिफंड मिलेगा. 

  1. 12 अगस्त तक लगी रेग्युलर ट्रेनों के परिचालन पर रोक
  2. यात्रियों को मिलेगा पूरा रिफंड
  3. कोरोना वायरस के चलते लिया गया फैसला

पहले 14 अप्रैल तक टिकट किए थे रद्द
रेलवे ने पहले ये भी कहा था कि 14 अप्रैल से पहले बुक किए गए टिकट के रद्दीकरण पर यात्रियों को पूरा रिफंड देगी. यदि आपने 14 अप्रैल 2020 या उससे पहले आगामी 120 दिनों के ट्रेनों के टिकट बुक किए थे और ये ट्रेन रद्द कर दी गई है इसके चलते IRCTC के माध्यम से रेलवे आपको टिकट का पूरा पैसा लौटाएगा. ऐसी स्थिति में IRCTC हमेशा यात्रियों को टिकट रद्द नहीं करने की सलाह देती है. जैसे ही सिस्टम पर ट्रेन रद्द होती है तो आपको पूरा रिफंड मिलता है.

इस बीच भारतीय रेलवे 230 IRCTC स्पेशल ट्रेनों को संचालन जारी रखेगी. Covid-19 या Coronavirus के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने 15 अप्रैल से नियमित ट्रेनों के एडवांस में किए गए रिजर्वेशन को निलंबित किया था. देशव्यापी लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था.

रेलवे ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच 25 मार्च से सभी यात्री, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन को निलंबित कर दिया था. 14 मई को, रेलवे ने 30 जून तक यात्रा के लिए बुक किए गए सभी नियमित ट्रेन टिकटों को रद्द कर दिया था और पूर्ण रिफंड पर फैसला किया था. ये टिकट लॉकडाउन अवधि के दौरान बुक किए गए थे, जब रेलवे जून में यात्रा के लिए बुकिंग की अनुमति दे रहा था.

ऐसे वापस मिलेगा रिफंड
भारतीय रेलवे द्वारा रद्द की गई ट्रेनों के लिए PRS काउंटर टिकट के लिए यात्री, यात्रा की तारीख के 6 महीने तक रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं. ई-टिकट ऑटोमेटिकली ही वापस कर दिया जाएगा.

खुद टिकट कैंसिल करने पर
यदि ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है, लेकिन यात्री यात्रा नहीं करना चाहता है, तो भारतीय रेलवे कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर एक विशेष मामले के रूप में रिजर्व टिकटों की पूरी राशि वापस कर देगा. यह नियम PRS काउंटर जनरेट टिकट और ई-टिकट दोनों के लिए लागू होगा.

अगर रेलवे ने ट्रेन ​कैंसिल नहीं की है मगर आप यात्रा नहीं करना चाहते तो जर्नी डेट के 30 दिनों के अंदर क्लेम ऑफिस में TDR (Ticket deposit receipt) फाइल करना होगा. TDR फाइल किए जाने के 60 दिनों के अंदर ट्रेन चार्ट के जरिए वेरिफिकेशन के बाद पैसेंजर को पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे. ये नियम पहले 10 दिनों के लिए ही था.

यात्री 139 या आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से PRS काउंटर टिकट भी रद्द कर सकते हैं और यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर काउंटर पर रिफंड प्राप्त कर सकते हैं. टेलिफोन नंबर 139 के जरिए टिकट कैंसिल करने वाले पैसेंजर जर्नी डेट के 30 दिनों के अंदर काउंटर से रिफंड पा सकते हैं.

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