फेस्टिव सीजन में रेलवे यात्रियों को लगातार बड़े तोहफे दे रही है. अब इंडियन रेलवे की तरफ से ट्रेन के सफर पहले से ज्यादा आरामदायक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है.
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नई दिल्ली : फेस्टिव सीजन में रेलवे यात्रियों को लगातार बड़े तोहफे दे रही है. अब इंडियन रेलवे की तरफ से ट्रेन के सफर पहले से ज्यादा आरामदायक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है. दिवाली और छठ के मौके पर यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे फ्लेक्सी फेयर स्कीम को वापस ले सकता है. यह स्कीम अभी 142 ट्रेनों पर लागू है. इनमें राजधानी, दुरंतो और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हैं.
लंबे समय से चल रही बदलाव की कवायद
रेलवे की तरफ से यात्रियों को दूसरा फायदा यह मिल सकता है कि फ्लेक्सी फेयर खत्म होने के बाद अगर सीट खाली रहती है तो यात्रियों को 50 प्रतिशत के डिस्काउंट पर वह सीट मिल सकती है. सहयोगी वेबसाइट www.zeebiz.com/hindi के अनुसार रेलवे इस हफ्ते इस पर फैसला ले सकता है. फ्लेक्सी फेयर स्कीम की आलोचना होने के बाद इसको बदलने की लंबे समय से योजना चल रही थी. कई बार डायनामिक फेयर के कारण ट्रेन का किराया फ्लाइट के किराये से ज्यादा हो जाता था. रेलवे को लगता है कि इससे उसकी आय बढ़ने में मदद मिलेगी.
यह है रेलवे का पूरा प्लान
फ्लेक्सी फेयर को पूरी तरह खत्म करने के लिए रेलवे हमसफर ट्रेन का मॉडल इस्तेमाल कर सकती है. फ्लेक्सी फेयर और हमसफर ट्रेनों के किराये मॉडल में काफी अंतर है. फ्लेक्सी फेयर स्कीम को खत्म करने के बाद रेलवे खाली पड़ी सीटों को बुक कराने पर यात्रियों को 50 फीसदी की छूट दे सकता है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है.
102 ट्रेनों में लागू हो सकता है नियम
यात्रियों को ट्रेन टिकट पर 50 फीसदी का डिस्काउंट IRCTC की वेबसाइट और रिजर्वेशन काउंटर से टिकट बुक करने पर मिल सकता है. यात्रा से 4 दिन पहले तक सीटें खाली रहने पर 102 ट्रेनों में डिस्काउंट वाली स्कीम को लागू किया जा सकता है. जिन ट्रेनों में 60 फीसदी से कम बुकिंग होती है उनके ग्रेड तय कर यात्रियों को डिस्काउंट ऑफर किया जा सकता है. टिकट पर 20 फीसदी तक डिस्काउंट मिल सकता है. अभी डायनामिक किराया 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दूरंतो ट्रेन पर लागू है.
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम का एबीसी
भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है. इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है. ऐसा त्योहारी सीजन में ही होता है. वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती हैं तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं. अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था.