आंकड़ों के आधार पर बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश से 15,39,692 टन मसालों का निर्यात हुआ था, जिनकी कीमत 36,958.80 करोड़ रुपये (4.46 अरब डॉलर) है.
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Spices Exports: पिछले कुछ दिनों में एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) मसालों को लेकर विवाद बढ़ने के बाद मसालों का निर्यात रोक दिया गया था. सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद नेपाल ने भी भारत से मसाला आयात करने पर रोक लगा दी थी. लेकिन अब आई रिपोर्ट के आधार पर भारतीय मसालों और उनके प्रोडक्ट का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर रिकॉर्ड 4.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया. मसाला बोर्ड के हाल में जारी आंकड़ों से पता चला है कि निर्यात किये जाने वाले मसालों की मात्रा और कीमत, खासकर लाल मिर्च, इलायची और हल्दी में इस बढ़ोतरी के कारण निर्यात से होने वाली आमदनी बढ़ी है.
सबसे ज्यादा मांग चीन और बांग्लादेश से आई
आंकड़ों के आधार पर बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश से 15,39,692 टन मसालों का निर्यात हुआ था, जिनकी कीमत 36,958.80 करोड़ रुपये (4.46 अरब डॉलर) है. लाल मिर्च का निर्यात रिकॉर्ड 1.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2022-23 के 1.3 अरब डॉलर से 15 परसेंट ज्यादा है. यह देश के कुल मसाला निर्यात का 34 प्रतिशत है. इसकी सबसे ज्यादा मांग चीन और बांग्लादेश से आई.
2023-24 में 6.01 लाख टन पर पहुंच गया
मात्रा के आधार पर भी लाल मिर्च का निर्यात 5.24 लाख टन से 15 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 6.01 लाख टन पर पहुंच गया. केडिया एडवाइजरी के अनुसार, भारतीय लाल मिर्च का सबसे बड़ा आयातक चीन था जिसने पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1.79 लाख टन की खरीद की. इसका कुल मूल्य 4,123 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2022-23 में चीन ने 3,408 करोड़ रुपये की 1.57 लाख टन लाल मिर्च का आयात किया था. इस प्रकार मूल्य के आधार पर इसमें 21 प्रतिशत और मात्रा के आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
बांग्लादेश को लाल मिर्च का निर्यात 67 प्रतिशत बढ़कर 90,570 टन पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2022-23 में यह 53,986 टन था. केडिया की एडवाइजरी में कहा गया है, 'बड़े आयातक देशों से मांग बढ़ने से वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के लाल मिर्च का निर्यात अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया. निर्यात में उछाल, विशेषकर चीन और बांग्लादेश से, भारतीय मसालों की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दिखाता है.'