अपने बुजुर्ग मां-बाप की देखरेख नहीं करने वाले बच्चों को सबक सिखाने का इससे अच्छा आइडिया नहीं हो सकता. महाराष्ट्र के लातूर जिला परिषद में अपने बूढ़े माता-पिता का ख्याल नहीं रखने पर यहां के कर्मचारियों की सैलरी काट ली गई.
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नई दिल्ली: अपने बुजुर्ग मां-बाप की देखरेख नहीं करने वाले बच्चों को सबक सिखाने का इससे अच्छा आइडिया नहीं हो सकता. महाराष्ट्र के लातूर जिला परिषद में अपने बूढ़े माता-पिता का ख्याल नहीं रखने पर यहां के कर्मचारियों की सैलरी काट ली गई. यहां के प्रेसिडेंट राहुल बोंद्रे ने बताया कि उन्होंने ऐसे सात कर्मचारियों पर कार्रवाई की है.
राहुल बोंद्रे ने बताया कि उनके 12 कर्मचारियों के खिलाफ अपने माता-पिता का ठीक से ध्यान नहीं रखने की शिकायतें मिलीं थीं. इन 12 में से 6 कर्मचारी टीचर हैं. इन कर्मचारियों की सैलरी में से हर महीने 30 परसेंट वेतन काटकर उनके माता-पिता के अकाउंट में ट्रांसफर किया जा रहा है.
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आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में लातूर जिला परिषद की महासभा ने अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में से 30 परसेंट कटौती का प्रस्ताव पारित किया था. राहुल बोंद्रे ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों की सैलरी में से कटौती दिसंबर 2020 से शुरू कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि 'हम ऐसे 12 मामलों की जांच कर रहे थे, जिनके माता-पिता ने अपने बच्चों पर उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. 12 में से 7 कर्मचारियों के खातों में से दिसंबर 2020 से हमने सैलरी काटना शुरू कर दिया है.' उन्होंने कहा कि इस तरह से 30 परसेंट सैलरी का मतलब लगभग 15000 रुपए हर महीने इन कर्मचारियों के खाते से कटेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में कर्मचारियों के साथ बैठकर समस्या को हल किया गया
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