एयरलाइन की तरह रेल यात्रियाें को मिल सकेगी रिजर्वेशन के समय उपलब्ध सीटों की जानकारी
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एयरलाइन की तरह रेल यात्रियाें को मिल सकेगी रिजर्वेशन के समय उपलब्ध सीटों की जानकारी

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वह रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) की मदद से आरक्षण चार्ट को सार्वजनिक करें ताकि सीटों की उपलब्धता से संबंधित यात्रियों की शिकायतें दूर की जा सकें.

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नई दिल्ली : भारतीय रेल एयरलाइंस की तर्ज पर एक ऐसी योजना पर काम कर रहा है जिससे किसी विशेष ट्रेन में आरक्षण के समय उपलब्ध सीटों की स्थिति का पता यात्रियों को चल सकेगा. रेलवे मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वह रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) की मदद से आरक्षण चार्ट को सार्वजनिक करें ताकि सीटों की उपलब्धता से संबंधित यात्रियों की शिकायतें दूर की जा सकें.

जब कोई यात्री एयरलाइंस की वेबसाइट के माध्यम से सीट बुक कर रहा होता है, तो यह सीटिंग लेआउट या सीटिंग आरेख को अलग-अलग रंग में बुक की गई सीटों के साथ दिखाता है, ताकि यात्री उन सीटों की संख्या देख सकें जो अब भी खाली हैं और बुक की जा सकती हैं. सूत्रों ने बताया, ‘‘एयरलाइंस में यात्री अपनी सुविधानुसार सीट का चयन कर सकते हैं और क्षमता के अनुसार भुगतान कर सकते हैं. रेलवे इस व्यवस्था को बाद में लागू करेगा.’

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उन्होंने बताया, ‘अब आरक्षण सुविधा सार्वजनिक करने की जरूरत है, ताकि यात्री किसी खास ट्रेन में बुकिंग की स्थिति देख सकें. एयरलाइंस की तरह, यह बुकिंग करने वाले यात्रियों को उन सीटों को एक अलग रंग में दिखाएगा जो पहले से बुक हैं. यह पीएनआर के तहत हो सकता है. सीटों का चयन अगला विकल्प होगा.’

सूत्रों ने बताया कि रेलवे यात्रियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद गोयल ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया. यात्रियों ने शिकायत की थी कि कुछ निश्चित मार्गों पर ट्रेनों में सीट हमेशा प्रतीक्षा सूची में होती है और उनके पास टीटीई से संपर्क करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है. यात्रियों ने अपनी शिकायत में कहा था कि इसके बाद टीटीई उन्हें खाली सीट की पेशकश करते हैं जो बुकिंग के समय उन्हें दी जा सकती थी.

हालांकि, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण विवरण को सार्वजनिक करना सुरक्षा मुद्दा हो सकता है और हर स्टेशन पर ट्रेनों के यात्रियों के चढ़ना और उतरना एयरलाइंस के विपरीत, एक बोझिल प्रक्रिया हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप बुकिंग की स्थिति में परिवर्तन होता है.

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