रेल यात्री ध्यान दें, बिहार से चलने वाली राजधानी, संपर्क क्रांति होंगी और खास
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रेल यात्री ध्यान दें, बिहार से चलने वाली राजधानी, संपर्क क्रांति होंगी और खास

बिहार में कई स्टेशनों की दीवारों को सजाए जाने के बाद मधुबनी पेंटिंग अब राज्य से चलनेवाली राजधानी और संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी उकेरी जाएगी.

रेल यात्री ध्यान दें, बिहार से चलने वाली राजधानी, संपर्क क्रांति होंगी और खास

नई दिल्ली : यात्री सुविधाओं पर लगातार ध्यान दे रही भारतीय रेलवे की तरफ से अब यात्रियों को ध्यान में रखकर नया कदम उठाया जाने वाला है. बिहार में कई स्टेशनों की दीवारों को सजाए जाने के बाद मधुबनी पेंटिंग अब राज्य से चलनेवाली राजधानी और संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी उकेरी जाएगी. मिथिला की इस पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के लिए यह नई चलन शुरू की गई है. रेलवे की इस पहल से एसी कोच में यात्रा करने वालों का अनुभव पहले से बेहतर होने की उम्मीद है.

22 कोच के अंदर पेटिंग उकेरी जाएगी
शुरुआत में पटना राजधानी के 22 कोचों के अंदर और बाहर मधुबनी पेटिंग उकेरी जाएगी. मधुबनी पेटिंग बिहार के मिथिला अंचल की लोककला है, जिसमें अनूठे ज्यामितीय पैटर्न का उपयोग कर महीन रेखाओं वाली रंगीन चित्रकारी की जाती है. दानापुर डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) रंजन ठाकुर ने बताया, 'मधुबनी चित्रकारी से कुल 100 डिब्बे सजाए जाएंगे.' राजधानी के अलावा, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और जनसाधारण एक्सप्रेस के भीरत और बाहर पारंपरिक मिथिला चित्रकारी की जाएगी.

पटना राजधानी की विशिष्ट पहचान बन जाएगी
ठाकुर ने कहा, 'इस कलाकृति के साथ पटना राजधानी की एक विशिष्ट पहचान बन जाएगी, जो राजेंद्र नगर स्टेशन से नई दिल्ली के बीच चलती है. स्थानीय कलाकातों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका भी मिलेगा.' इस कवायद पर रेलवे करीब 1 लाख रुपये प्रति डिब्बा रकम खर्च करेगी. अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार से राजस्थान से चलनेवाली ट्रेनों में राजस्थानी पेटिंग लगाई जाएगी.

इससे पहले रेलवे ने एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों के कंबलों को महीने में दो बार धुलने की सुविधा शुरू की थी. रेलवे की तरफ से ट्रेन में अब वॉशेबल कंबल मुहैया कराए जाएंगे. फिलहाल ट्रेन में मिलने वाले कंबलों को दो महीने में एक बार धोने का नियम है. साथ ही अब ट्रेन में ज्यादा पुराने कंबल भी यात्रियों को नहीं मिलेंगे. इसके अलावा ट्रेनों में कंबलों के गंदे होने की शिकायतों से परेशान रेलवे ने कंबलों को धीरे-धीरे बदलने की योजना भी तैयार की है.

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