Share Market: बजट से पहले बाजार में गिरावट, एक्सपर्ट्स ने बताई गिरते बाजार में निवेश की रणनीति
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Share Market: बजट से पहले बाजार में गिरावट, एक्सपर्ट्स ने बताई गिरते बाजार में निवेश की रणनीति

Budget 2023: एफपीआई इस महीने की शुरुआत से ही बड़े बिकवाल रहे हैं. पूंजी के इस निकास ने बाजारों पर दबाव डाला है. एफपीआई पैसे को इसलिए बाहर निकाल रहे हैं क्योंकि चीन के बाजार फिर से खोल दिए गए हैं. चीन के बाजार भारत के बाजारों की तुलना में बहुत सस्ते हैं, इसलिए एफपीआई बेहतर रिटर्न के लिए इस पूंजी को फिर से चीन में लगा रहे हैं.

Share Market: बजट से पहले बाजार में गिरावट, एक्सपर्ट्स ने बताई गिरते बाजार में निवेश की रणनीति

Stock Market: बजट 2023 जल्द ही संसद में पेश किया जाने वाला है. 1 फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से देश का आम बजट पेश किया जाएगा. हालांकि बजट से पहले ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में निवेशकों के बीच असमंजस का माहौल बना हुआ है कि गिरते बाजार में निवेश की क्या रणनीति होनी चाहिए. इसको लेकर ग्रीन पोर्टफोलियो के को-फाउंडर दिवम शर्मा ने विस्तार से बताया है.

शेयर मार्केट
दिवम शर्मा का कहना है कि एफपीआई इस महीने की शुरुआत से ही बड़े बिकवाल रहे हैं. पूंजी के इस निकास ने बाजारों पर दबाव डाला है. एफपीआई पैसे को इसलिए बाहर निकाल रहे हैं क्योंकि चीन के बाजार फिर से खोल दिए गए हैं. चीन के बाजार भारत के बाजारों की तुलना में बहुत सस्ते हैं, इसलिए एफपीआई बेहतर रिटर्न के लिए इस पूंजी को फिर से चीन में लगा रहे हैं.

शेयर बाजार
दिवम ने बताया कि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों में अपना प्रवाह जारी रखा है, लेकिन यह एफपीआई से धन की निकासी के अनुरूप नहीं है. इसके अलावा, यदि आप बाजारों में पूंजी के खुदरा प्रवाह को देखते हैं, तो इक्विटी एसआईपी और Debt Funds में फिर से आवंटन में गिरावट आई है, क्योंकि निश्चित आय निवेश पर रिटर्न बढ़ गया है, जबकि इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव रहा है.

जीडीपी
दिवम का कहना है कि इमर्जिंग मार्केट्स (EM) पैक में भारत सबसे महंगे बाजारों में से एक है. हालांकि यह एक सतत प्रवृत्ति रही है कि आने वाले वर्षों में ऐसा ही जारी रहेगा. भारतीय बाजारों ने अतीत में ईएम इंडेक्स के बीच उच्च आवंटन प्राप्त किया है, भारत को जीडीपी विकास दर दृष्टिकोण के संदर्भ में खड़े बाजारों में से एक माना जाता है. हालांकि यह प्रवृत्ति आने वाले वर्षों में जारी रहेगी.

बजट
दिवम का कहना है कि जब हम ब्याज दरों को चरम पर पहुंचते और गिरते हुए देखते हैं, जो आने वाले 3-6 महीनों में अपेक्षित है, तो हम Debt Funds से इक्विटी में पूंजी का पुनर्वितरण देखेंगे और इसके परिणामस्वरूप बाजारों में वृद्धि होगी. उम्मीद है कि बजट में इस बार बाजारों के लिए बहुत सारे ऐलान होंगे क्योंकि इसमें लोकलुभावन योजनाओं और रियायतों के लिए सरकार की ओर से उच्च राजकोषीय खर्च शामिल होगा और पिछले बजट से सरकार के आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने से दोगुना हो जाएगा.

इंवेस्टमेंट
गिरते बाजार को देखते हुए निवेशकों के लिए दिवम ने कहा कि इस बीच शेयर बाजार में निवेशकों को डिप्स में खरीदारी करनी चाहिए और निवेशित रहना चाहिए, कम वैल्यूएशन पर उपलब्ध अच्छी फंडामेंटल कंपनियों की तलाश करनी चाहिए. बाजार में अभी ऐसे कई अवसर उपलब्ध हैं जो निवेशकों के लिए बेशुमार दौलत बना सकते हैं. यह एक स्टॉक पिकर बाजार होगा और यदि आप आगे बढ़ने वाले बाजारों से धन बनाना चाहते हैं तो आपको एक एक्टिव इंवेस्टर बने रहना होगा.

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