Katra Heavy Rain: अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर माता के मंदिर फिलहाल पुराने रास्ते से ही जा सकेंगे. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के कटड़ा में पिछले 43 साल में इस बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है.
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Mata Vaishno Devi Shrine Board: अगर आप हाल-फिलहाल में वैष्णो देवी के दर्शन करने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. कटड़ा में भारी बारिश के कारण वैष्णो देवी के दर्शन में परेशानी हो रही है. श्राइन बोर्ड की तरफ से गुफा तक जाने वाले नए रास्ते को बंद कर दिया गया है. श्रद्धालुओं को दी जाने वाली कई सुविधाओं पर रोक लगा दी गई है. बताया जा रहा है कि कटड़ा में बारिश ने पिछले 43 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. श्राइन बोर्ड की तरफ से लैंडस्लाइड के खतरे को देखते हुए गुफा मंदिर के दर्शन समेत हेलीकॉप्टर सर्विस पर भी रोक लगा दी गई है.
नया रास्ता फिलहाल बंद किया गया
भारी बारिश के कारण भक्तों को माता वैष्णो देवी की यात्रा पुराने रास्ते से करनी पड़ रही है. नया रास्ता फिलहाल बंद है. श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड (SMVDSK) के सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि लैंडस्लाइडिंग के खतरे को देखते हुए नए ट्रैक पर आवागमन रोक दिया गया है. वैष्णो देवी मंदिर यात्रा के बेसकैंप कटरा में पिछले 24 घंटे के दौरान 315.4 मिमी रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग की तरफ से जारी बयान के अनुसार 1980 के बाद यह सबसे ज्यादा बारिश है.
हेलिकॉप्टर सेवा को भी निलंबित कर दिया गया
खराब मौसम के बीच कटड़ा से सांझी छत जाने वाली हेलिकॉप्टर सेवा को भी निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर माता के मंदिर फिलहाल पुराने रास्ते से ही जा सकेंगे. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के कटड़ा में पिछले 43 साल में इस बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में भी भारी बारिश का नजारा देखा जा सकता है. ऐसे मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भी भक्तों को परेशानी हो रही है.
दूसरी तरफ माता वैष्णो देवी आने वाले भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्काईवॉक परियोजना पर काम चल रहा है. इस परियोजना के सितंबर के महीने में पूरी होने की संभावना है. श्राइन बोर्ड की तरफ से इसे 15 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है. दरअसल, 2022 में नए साल के मौके पर भगदड़ के दौरान 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. भविष्य में ऐसी किसी तरह की घटना न हो इसके लिए स्कॉइ वॉक को शुरू किया जा रहा है.