इस योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाती है. योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने प्रोत्साहन भी दिया जाता है और डिजिटल लेनदेन (Digital Transaction) पर पुरस्कृत भी किया जाता है.
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नई दिल्ली: लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से रोजगार और बिजनेस प्रभावित हुए हैं. लोगों को काम दोबारा शुरू करने के लिए पैसे की जरूरत है. बैंक के लंबे प्रोसेस और ऊंचे ब्याज दरों की वजह से लोग कर्ज लेने से कतरा रहे हैं. ऐसे में मोदी सरकार (Modi Govt) ने रेहड़ी, पटरी और छोटे कारोबार से जुड़े लोगों को तुरंत 10,000 रुपये का कर्ज (Instant Loan) उपलब्ध कराने का फैसला किया है.
आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत मिल रहा 10 हजार रुपये
रेहड़ी, पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारी अब ‘आत्मनिर्भर निधि’ (Atamnirbhar Fund) योजना के तहत 10,000 रुपये तक का कर्ज देशभर में फैले 3.8 लाख साझा सेवा केन्द्रों (CSC) केन्द्रों के जरिये ले सकेंगे. सरकार की डिजिटल और ई- गवर्नेंस सेवा इकाई सीएससी ई- गवर्नेंस सविर्सिज इंडिया लिमिटेड ने बुधवार को यह कहा.
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना (PMSVAFY) पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है. इस योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाती है. योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने प्रोत्साहन भी दिया जाता है और डिजिटल लेनदेन (Digital Transaction) पर पुरस्कृत भी किया जाता है.
योजना से रेहड़ी पटरी वालों को औपचारिक स्वरूप मिलेगा और इस क्षेत्र के लिये नये अवसर खुलेंगे. सीएससी योजना के तहत इन छोटे कारोबारियों का पंजीकरण करने में मदद करेगी.
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय कुमार ने कहा कि योजना के तहत शहरी क्षेत्र के रहड़ी पटरी वालां को दस हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध होगी. यह पूंजी एक साल की अवधि के लिये होगी और इसका मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि इस लोन के लिये कर्ज देने वाले संस्थान द्वारा कोई रहन अथवा गारंटी नहीं ली जायेगी. ‘‘सभी कारोबारियों को डिजिटल लेनदेन करना होगा, उन्हें इसमें कैशबैंक की पेशकश मिलेगी.’’
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कुमार ने कहा कि योजना के लिये सिडबी को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है और अब तक इसकसे तहत दो लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि 50 हजार कारोबारियों को कर्ज मंजूर किया गया है.