महंगाई दर के खिलाफ मौद्रिक नीति समिति एक क्रांतिकारी कदम: रघुराम राजन
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महंगाई दर के खिलाफ मौद्रिक नीति समिति एक क्रांतिकारी कदम: रघुराम राजन

सितंबर में रिजर्व बैंक गवर्नर का पद छोड़ने की घोषणा करने के दो दिन बाद गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि उनका उत्तराधिकारी और नई मौद्रिक समिति (एमपीसी) आने वाले समय में मुद्रास्फीति (महंगाई दर) को कम से कम रखने के रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे।

महंगाई दर के खिलाफ मौद्रिक नीति समिति एक क्रांतिकारी कदम: रघुराम राजन

मुंबई: सितंबर में रिजर्व बैंक गवर्नर का पद छोड़ने की घोषणा करने के दो दिन बाद गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि उनका उत्तराधिकारी और नई मौद्रिक समिति (एमपीसी) आने वाले समय में मुद्रास्फीति (महंगाई दर) को कम से कम रखने के रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे।

राजन ने कहा, ‘आने वाले दिनों में नये गवर्नर के साथ मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य चुने जाएंगे। मुझे विश्वास है कि वे नई व्यवस्थाओं और संस्थाओं को अपने अंदर पूरी तरह जोड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे लिये भविष्य में मुद्रास्फीति निम्नस्तर पर रहे।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने रिजर्व बैंक के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के साथ स्वतंत्र मौद्रिक नीति समिति गठित कर ‘महत्वपूर्ण कदम’ उठाया है। राजन ने शनिवार को कहा कि वह गवर्नर के पद पर दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं करेंगे।

टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च की स्थापना दिवस के मौके पर ‘फाइट अगेन्स्ट इनफ्लेशन: ए मेजर ऑफ आवर इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट’ विषय पर अपने व्याख्यान में राजन ने गठित होने वाले एमपीसी को संस्थागत रूप देने का आह्वान किया ताकि निम्न मुद्रास्फीति भविष्य सुनिश्चित करने के लिये जरूरी इस संस्थान को खड़ा किया जा सके।

एमपीसी को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि हम दशकों तक नरम से लेकर उच्च मुद्रास्फीति के दौर में रहे, इससे उद्योगपति तथा सरकारें वास्तविक तौर पर नकारात्मक ब्याज दर का भुगतान करते रहे हैं। ऐसे में मुद्रास्फीति के रूप में छिपे कर का बोझ बचत करने वाले मध्यम वर्ग तथा गरीबों पर पड़ा। राजन ने कहा, ‘एमपीसी गठन से हम पुराने उन रास्तों को छोड़ेंगे जिनपर चलते हुये हमने कइयों की कीमत पर कुछ को लाभ पहुंचाया।’

रिजर्व बैंक के गवर्नर राजन ने निम्न मुद्रास्फीतिक व्यवस्था की दिशा में कदम को लेकर आगाह करते हुए कहा कि यह काफी कठिन है और अल्पकाल में समयोजन की जरूरत पड़ती है। हालांकि, इससे लोगों तथा कंपनियों के साथ-साथ सरकार के लिये सस्ता कर्ज जैसे ईनाम भी हैं। राजन ने कहा कि पिछले तीन साल में मुद्रास्फीति के खिलाफ मुहिम से स्थिर वृहत माहौल सृजित हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थिर रपये ने निवेशकों को हमारे मौद्रिक नीति लक्ष्य को भरोसा दिया और जब हम मुद्रास्फीति के लक्ष्य को हासिल करते हैं, स्थिरता और सुधरेगी। 

उल्लेखनीय है कि जब राजन ने रिजर्व बैंक का गवर्नर पद संभाला था, रुपये में गिरावट आ रही थी और भुगतान संतुलन संकटपूर्ण स्थिति में था। उन्होंने सरकार तथा रिजर्व बैंक के नये गवर्नर से मौजूदा रास्ते पर बने रहने का अनुरोध करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिरता से यह सुनिश्चित होगा कि विदेशी पूंजी प्रवाह अधिक भरोसेमंद होगा और रपये में निवेश समेत लंबी मियाद वाला निवेश बढ़ेगा। इससे हमारे बैंकों तथा कंपनियों के लिये पूंजी उपलब्धता का दायरा बढ़ेगा।

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