IRCTC ने 2018 में लगभग 560 पर्यवेक्षकों (सुपरवाइजरों) को रेलगाड़ियों में ठेकेदारों द्वारा परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए नियुक्त किया था
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नई दिल्ली: लॉकडाउन का सबसे रेल सेवाओं को ही बंद किया गया. रेलवे सेवा ठप्प होने की वजह से सबसे पहले और सीधा असर उससे जुड़े क्षेत्रों को ही हुआ है. इन्हीं में एक है IRCTC. रेलवे की खानपान और पर्यटन शाखा आईआरसीटीसी ने संविदा पर काम करने वाले 500 से अधिक आतिथ्य पर्यवेक्षकों (सुपरवाइजर) की सेवाओं को रद्द करने का फैसला किया है. उसका कहना है कि 'मौजूदा परिस्थितियों में' इनकी आवश्यकता नहीं रह गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) ने 2018 में लगभग 560 पर्यवेक्षकों (आतिथ्य) को रेलगाड़ियों में ठेकेदारों द्वारा परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए नियुक्त किया था. आतिथ्य पर्यवेक्षकों का काम रेलगाड़ियों के खानपान यान के संचालन की निगरानी करना था. इसके तहत उन्हें भोजन की तैयारी की देखरेख, गुणवत्ता की जांच, यात्रियों की शिकायतों का समाधान करना और यह सुनिश्चित करना था कि खाने के लिए तय कीमत से अधिक धन न लिया जाए.
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आईआरसीटीसी ने 25 जून को एक पत्र के जरिए अपने सभी आंचलिक कार्यालयों को सूचित किया कि वर्तमान परिस्थितियों में इन संविदाकर्मियों की कोई आवश्यकता नहीं है और उन्हें एक महीने का नोटिस देकर उनके अनुबंध समाप्त कर दिए जाएंगे.
आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने संपर्क करने पर घटनाक्रम की पुष्टि की, लेकिन संकेत दिया कि संगठन इस फैसले पर दोबारा विचार कर रहा है. आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने सोमवार को बताया, 'हम मामले पर पुनर्विचार कर रहे हैं. यदि हम विचार कर रहे हैं कि क्या इस निर्णय पर पुनर्विचार हो सकता है. इस संबंध में कुछ कदम उठाए जाएंगे.'
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इस बीच इन निलंबित कर्मचारियों ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है और इस संबंध में सोशल मीडिया के जरिए उन तक अपनी बात पहुंचाई है. कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से आईआरसीटीसी की सेवाएं बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं.
इस समय रेलवे श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों के अलावा 230 विशेष रेलगाड़ियां चला रहा है. सभी नियमित यात्री सेवाएं 23 मार्च से निलंबित हैं.