मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है...Paytm पर आरबीआई की कार्रवाई से इमोशनल हुए विजय शेखर शर्मा , बयां किया दर्द
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मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है...Paytm पर आरबीआई की कार्रवाई से इमोशनल हुए विजय शेखर शर्मा , बयां किया दर्द

पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद कंपनी बुरे दौर से गुजर रही है. कंपनी में बड़े पदों पर इस्तीफे हो रहे हैं, कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है. आरबीआई की कार्रवाई पेटीएम के लिए बुरे सपने जैसा है.

Paytm Payment Bank

Paytm Founder Vijay Shekhar Sharma: पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद कंपनी बुरे दौर से गुजर रही है. कंपनी में बड़े पदों पर इस्तीफे हो रहे हैं, कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है. आरबीआई की कार्रवाई पेटीएम के लिए बुरे सपने जैसा है. पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई को लेकर विजय शेखर शर्मा ने कहा कि उनके लिए ये कार्रवाई व्यक्तिगत तौर पर भावनात्मक झटका था, जबकि प्रोफेशनली तौर पर उन्होंने समझा कि उन्हें जिम्मेदारियों को बेहतर ढ़ंग से निभाने का सबक मिला है. 

बेहतर बनने का सबक मिला: Paytm फाउंडर   

आरबीआई की कार्रवाई पर विजय शेखर शर्मा ने कहा कि हमें बेहतर करना चाहिए था, इसमें कोई छिपी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई से सीख मिली है. उन्होंने स्वीकार किया कि यह व्यक्तिगत स्तर पर एक भावनात्मक झटका था, जबकि प्रोफेशनल स्तर पर उन्हें जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाने का सबक मिला. शर्मा ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि मैं कहूंगा कि पेशेवर स्तर पर हमें बेहतर करना चाहिए था, इसमें कोई छिपी बात नहीं है.

मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है-पेटीएम फाउंडर

हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उन्हें और बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था. शर्मा से 7वें जेआईआईएफ स्थापना दिवस के मौके पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई के बारे में पूछा गया था. शर्मा ने कहा कि वह इससे भी अधिक चुनौतीपूर्ण वक्त से गुजर चुके हैं.  उन्होंने कहा, कि जब मैं 2013-14 के आसपास फंड जुटा रहा था, तब हमारे फंड खत्म हो रहे थे. मैंने सोचा कि अगर हम खत्म हो गए तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.आज यह बात मायने रखती है. एक संस्थापक के रूप में मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है. एक कंपनी के रूप में हम परिपक्व हो रहे हैं. यह ऐसा है जैसे स्कूल में टॉप करने वाली बेटी किसी प्रवेश परीक्षा के रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गई हो. 

100 अरब डॉलर वाली कंपनी बनाने का लक्ष्य 

यह एक ऐसा एहसास है जो थोड़ा व्यक्तिगत, भावनात्मक है. उन्होंने आगे कहा, ''...लेकिन मैं कहूंगा कि पेशेवर स्तर पर, हमें बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था, यह कोई छिपी बात नहीं है.  हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उसे बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था.' शर्मा ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा 100 अरब अमेरिकी डॉलर की कंपनी बनाने की है, और वह चाहते हैं कि पेटीएम ब्रांड को वैश्विक स्तर पर भारतीय कंपनी के रूप में पहचाना जाए.  

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