vehicle scrappage policy : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि आने वाले समय में देश में सड़कें टायर और प्लास्टिक से मिलाकर तैयार की जाएंगी. इसके लिए देशभर में स्क्रैपेज पॉलिसी लागू की जाएगी, जिससे निवेश बढ़ने के साथ रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे.
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vehicle scrappage policy : अगर आप आने वाले कुछ सालों में कंक्रीट की बजाय टायर और प्लास्टिक मिलाकर सड़क बनते देखें तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. जी हां, यह अब हकीकत में बदलने वाला है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार की योजना देश के हर जिले में दो से तीन स्क्रैपिंग सेंटर (Scrapping Center) खोलने की है.
उन्होंने यह बात हरियाणा के नूंह में व्हीकल स्क्रैपिंग (कबाड़) सेंटर के उद्घाटन के मौके पर कही. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वाहनों के मिलने वाले कबाड़ के कुछ हिस्से का इस्तेमाल सड़क निर्माण में भी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई वाहन कबाड़ नीति से प्रदूषण कम होगा. कम लागत पर इस क्षेत्र में उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, स्क्रैपेज पॉलिसी लागू होने से चलन से बाहर हो चुके और बेकार हो गए वाहनों को बाहर किया जा सकेगा. सरकार का प्लान है कि इससे नई कारों की डिमांड बढ़ेगी और ऑटो सेक्टर को बूम मिलेगा. नितिन गडकरी ने आने वाले दिनों में स्क्रैप पॉलिसी को देश के हर जिले में लागू किया जाएगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इस तरह के सेंटर कब तक स्थापित किए जा सकेंगे.
उन्होंने कहा, पुराने टायरों से सड़क निर्माण को लेकर पर्यावरण मंत्रालय से भी बात हुई है. इसके लिए पुराने टायरों का आयात भी किया जा सकता है. एक अनुमान के अनुसार सरकार की स्क्रैपेज पॉलिसी से देश में 10 हजार करोड़ का निवेश लाया जा सकता है, जिससे आने वाले समय में रोजगार पैदा होंगे.
बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे
गडकरी ने कहा, इस नीति से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि तांबा, इस्पात, एल्युमीनियम, रबड़ और प्लास्टिक आसानी से उपलब्ध हो जाएगा. उन्होंने कहा व्हीकल सेक्टर देश में करोड़ों लोगों को रोजगार दे रहा है. उन्होंने कहा साल 2024 के अंत तक 'नई वाहन नीति' से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे. उन्होंने बताया 'नई वाहन नीति' पर्यावरण के लिए भी अहम भूमिका निभाएगी.
स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत एक तय समय सीमा के बाद सभी वाहनों का फिटनेस टेस्ट लिया जाएगा. फिटनेस संबंधी मानक पूरे होने पर वाहन का री-रजिस्ट्रेशन होगा. री-रजिस्ट्रेशन के हर 5 साल बाद व्हीकल का टेस्ट होगा. जो वाहन मालिक अपनी मर्जी से व्हीकल की रिसाइकलिंग कराना चाहते हैं, उन्हें नए वाहन खरीदने पर छूट मिलेगी.