Maharashtra में सभी बाजारों में प्याज की भारित औसत कीमत में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है और खपत केंद्रों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई है. उपभोक्ता मामलों का विभाग प्याज की स्थिर घरेलू कीमतें और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्यात और कीमतों की निगरानी कर रहा है.
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Onion Price in India: केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि प्याज के निर्यात का न्यूनतम मूल्य तय करने के बाद महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें पिछले सप्ताह की तुलना में पांच से नौ प्रतिशत तक कम हो गई हैं. सरकार ने एक बयान में कहा कि प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने और घरेलू बाजारों में इसकी उपलब्धता बनाए रखने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करने के फैसले ने तत्काल प्रभाव दिखाया है. महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में पिछले सप्ताह के मुकाबले पांच प्रतिशत से नौ प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई.
औसत कीमत
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को प्याज की कीमतें उच्च स्तर पर बनी रहीं और खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 78 रुपये प्रति किलोग्राम थी. सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. हालांकि उपभोक्ता मामलों के विभाग के जरिए संकलित आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 50.35 रुपये प्रति किलोग्राम थी जबकि अधिकतम दर 83 रुपये प्रति किलोग्राम और मॉडल कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम थी. न्यूनतम दर 17 रुपये प्रति किलोग्राम रही. स्थानीय विक्रेता प्याज 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रहे हैं, जबकि ई-कॉमर्स मंच ‘बिगबास्केट’ और ‘ओटिपी’ पर प्याज 75 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है.
न्यूनतम निर्यात मूल्य
केंद्र सरकार ने शनिवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था. यह लगभग 67 रुपये प्रति किलो बैठता है. यह एमईपी बैंगलोर रोज और कृष्णापुरम प्याज को छोड़कर प्याज की सभी किस्मों के लिए है. इसके साथ ही केंद्र ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की घोषणा की है. यह पहले से खरीदे गए पांच लाख टन से अधिक और अतिरिक्त होगा.
बफर स्टॉक
बफर स्टॉक से प्याज का अगस्त के दूसरे सप्ताह से देश भर के प्रमुख उपभोग केंद्रों में लगातार निपटान किया गया है. एनसीसीएफ और नेफेड के जरिए संचालित मोबाइल वैन से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलो की दर से आपूर्ति भी की गई है. पिछले सप्ताह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुवाई में देरी होने के कारण इसकी खेती का रकबा कम रहा और फसल देर से पहुंची. खरीफ प्याज की नई आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. (इनपुट: भाषा)