प्याज की कीमत प्याज की नई फसल आने पर भी कम हो जाएगी. बाजार में नई फसल भी अब जल्द ही आ जाएगी. आपको ये समझना चाहिए कि प्याज की कीमतें आखिर अचानक से क्यों बढ़ गईं.
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नई दिल्ली: प्याज की कीमतें (Onion prices) अब तेजी से जमीन पर आ रही हैं. देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की लासलगांव (lasalgaon) में प्याज के थोक भाव अचानक से कम हो गए हैं. सोमवार को जो प्याज 6191 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही थी, वो आज यानि मंगलवार 1000 रुपये प्रति क्विंटल सस्ती हो गई है.
महाराष्ट्र में नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज के दाम 6191 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर आज 5300 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए हैं. इसी तरह प्याज के दूसरे प्रकार सर्वसाधारण 4100 रुपये और खराब प्याज 1500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर मिल रहा है. थोक भाव कम होने से रीटेल कीमतों (Retail prices) में भी जल्द ही कमी आएगी.
प्याज के रीटेल भाव देश के कई हिस्सों में 80-90 रुपये के बीच चल रहे हैं. आशंका ये जताई जा रही थी कि अगर अभी प्याज की कीमतों पर लगाम नहीं लगाई गई तो दिवाली तक भाव 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएंगे. लेकिन अब थोक भाव में तेज गिरावट के बाद रीटेल भाव भी कम होंगे. सरकार भी दावा कर चुकी है कि प्याज की कीमतें दिवाली से पहले पहले काबू में आ जाएंगी. इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं.
हम आपको बताते हैं कि प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए सरकार ने अबतक कौन-कौन से कदम उठाए हैं, जिसका असर दिखना शुरू हो चुका है.
1. प्याज की कीमत को कंट्रोल में रखने के लिए सरकार ने बीते 23 अक्टूबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट 25 टन कर दी थी.
2. बफर स्टॉक से भी राज्यों को प्याज़ दी गई है. नैफेड ने 1 लाख टन प्याज बाजार में भेजना शुरू कर दिया है,
3. नैफेड ने शनिवार को 15 हजार टन लाल प्याज के आयात का टेंडर निकाला है.
4. सरकार ने प्याज की कीमत को थामने के लिए सितंबर में ही इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी.
5. सरकार ने शुक्रवार को भूटान से आलू के आयात में छूट दी, इसके लिए लाइसेंस की जरूरत खत्म कर दी गई है और टैरिफ रेट कोटा योजना के तहत अतिरिक्त 10 लाख टन आलू के आयात की अनुमति दी गई है.
6. अब स्टॉक लिमिट लागू किये जाने से पहले, प्याज की मंडी में खरीद की तारीख से ग्रेडिंग और पैकिंग के लिये 3 दिन का समय दिया जाएगा
7. किसान रेल के जरिये प्याज को देश के हर कोने तक पहुंचाया जा रहा है.
8. अभी तक देश में 7000 टन प्याज आ चुका है. इसके अलावा दिवाली तक करीब 25000 टन प्याज और आने की उम्मीद है.
इन सबसे अलावा एक और बड़ी वजह ये भी है कि प्याज की कीमत प्याज की नई फसल आने पर भी कम हो जाएगी. बाजार में नई फसल भी अब जल्दी ही आ जाएगी. आपको ये समझना चाहिए कि प्याज की कीमतें आखिर अचानक से क्यों बढ़ गईं.
दरअसल भारी बारिश ने खेतों में प्याज की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. जो भी प्याज बाजार में आ रहा है वह मार्च और अप्रैल की उपज का है. सबसे बड़ी बात यह है कि थोक मंडियों में प्याज की आमद भी घटी है. पुणे के थोक बाजार में प्याज की आमद 500 ट्रक से घटकर 150 ट्रक प्रति दिन हो गई है. यानि सामान्य दिनों में जहां पर हर रोज जहां पर 500 ट्रक पहुंचते थे. अब केवल तीन चौथाई ही आमद हो रही है.
1. प्याज एक मौसमी फसल है जो भारत में एक वर्ष में दो से तीन बार उपजाई जाती है.
2. मार्च के अंत तक उपजाया जाने वाला प्याज अक्टूबर के अंत और नवंबर की शुरुआत तक मांग को पूरा करता है.
3. इसके बीच में अगस्त के महीने में प्याज की ताजा फसल दक्षिणी राज्यों से आती है.
4. मध्य अक्टूबर तक, खरीफ प्याज की शुरुआती फसल भी बाजारों में पहुंचने लगती है
5. नवंबर के मध्य तक, खरीफ की फसल की उपज देर से खरीफ के मौसम में आती है.
6. इस साल, अनियमित मानसून ने इस चक्र को तोड़ दिया.
7. भारी बारिश के कारण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित दक्षिणी राज्यों में खरीफ की लगभग 50 फीसदी फसल चौपट हो गई.
8. इससे न केवल पुणे का थोक बाजार, बल्कि नासिक के लासलगांव का भी खरीद-बिक्री का समीकरण बिगड़ गया
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