व्हीकल स्टैंडर्ड के लिए बनी टेक्निकल कमेटी ने इस कारों में फ्रंट को-पैसेंजर साइड में एयरबैग अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके बाद परिवहन विभाग ने सुरक्षा फीचर्स में किए जाने वाले बदलावों को देखते हुए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) में संशोधन के लिए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार के एक अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि पूरी दुनिया में इस बात को लेकर सहमति है कि गाड़ियों में ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा के उपाय होने चाहिए. ताकि किसी हादसे के दौरान उनकी जिदंगी सुरक्षित रहे.
सरकार इस ड्राफ्ट के जरिए लोगों से उनकी राय पूछ रही है, उनके सुझाव मंगवा रही है. सड़क परिवहन मंत्रायल इस जल्द से जल्द लागू करना चाहता है. इसलिए इस पर तेजी से काम हो रहा है. बहुत जल्द इसको लागू करने की तारीख भी फाइनल हो जाएगी. सरकार से सूत्रों के मुताबिक इस नियम को पूरे देश में लागू करने के लिए एक साल का वक्त काफी होगा.
अभी गाड़ियों में सिंगल एयरबैग ही मिलता है, जो कि सिर्फ ड्राइवर की साइड होता है. किसी बड़े हादसे में को-पैसेंजर के गंभीर रूप से घायल होने या जान जाने का खतरा बना रहता है. स्पीड अलर्ट, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स और सीट बेल्ट जैसे फीचर्स किसी भी गाड़ी में कम कीमत पर उपलब्ध हैं, जो कि स्टैंडर्ड फीचर्स हैं. लेकिन फ्रंट सीट पर बैठे को-पैसेंजर के लिए एयरबैग को अनिवार्य नहीं किया गया था.
सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार प्राइवेट और कर्शियल गाड़ियों में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम में मैनुअल सिस्टम को शामिल करने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि अगर ये लागू हुआ तो गाड़ियों के दरवाजे लॉक होने की वजह से होने वाले हादसों से बचा जा सकेगा. हादसे में ऑटोमैटिक दरवाजे लॉक हो जाते हैं. जिसकी वजह से गंभीर हादसे होते हैं. मैनुअल सिस्टम में इमरजेंसी के दौरान यात्री दरवाजे खोलकर बाहर आ सकता है.
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