ठंड और कोहरे को देखते हुए ट्रेनों में अब खास तरह के डिवाइस लगाए जाएंगे, जिनकी मदद से ट्रेन के ड्राइवरों को कम विजिबिलिटी में भी कोहरे से निपटने में आसानी होगी. उत्तर रेलवे (Northern Railways) के महाप्रबंधक (General Manager) आशुतोष गंगाल ने उस प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की है, जिससे किसी स्टेशन पर कोहरे की स्थिति की घोषणा होती है.
उनके मुताबिक, रेलवे में कई विभाग कोहरे से पैदा हुई परिस्थितियों के लिए व्यवस्थाएं करते हैं. रेलवे स्टेशनों पर विजिबिलिटी चेक करने के लिए उपकरण लगाए जाते हैं. अगर तय दूरी पर रखी गई कोई चीज दिखाई नहीं दे रही है तो स्टेशन मास्टर इसे कोहरे घोषित करते हैं. जब वो चीज दिखाई दे जाती है तो कोहरे की स्थिति वापस ले ली जाती है.
विजिबिलीटी टेस्ट ऑब्जेक्ट को स्टार्टर से 180 मीटर की दूरी पर रखा जाता है. अगर यह स्टेशन मास्टर को दिखाई नहीं देता है, तो कोहरे की स्थिति घोषित की जाती है. और कोहरे का संकेत दर्ज किया जाता है और उसका टाइम नोट किया जाता है. जब टेस्ट ऑब्जेक्ट दिखाई देने लगता है तो कोहरे की स्थिति को फिर से वापस ले लेते हैं
गंगाल ने बताया कि कोहरे के कारण चालक दल को सिग्नल देखने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए फ़ॉग सेंसिंग उपकरणों को एक सिग्नल के अंतराल के बीच रखा गया है. सिग्नल लोकेशन बुकलेट भी चालक दल को दिए गए हैं ताकि वे सिग्नल के स्थान से अवगत हों. अगर यह दिखाई न दे, तो ड्राइवरों को ट्रेन की गति को जरूरत के हिसाब से घटाने बढ़ान में मदद मिलती है.
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